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EMI Ka Full Form क्या होता है? | EMI Full Form in Hindi

EMI Ka Full Form, EMI Full Form in Hindi, Full Form of EMI in Hindi, What is EMI in Hindi, EMI Kya Hai, EMIL Calculation, EMI के लाभ व हानि इत्यादि जैसे प्रश्नों के उत्तर आपको इस आर्टिकल में मिल जायेंगें।

क्या आप ईएमआई का फुल फॉर्म या फिर ईएमआई से संबंधित किसी भी प्रकार के प्रश्न के उत्तर के लिए हमारे इस ब्लॉग पर आए हैं। यदि आप ईएमआई से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए हमारे इस ब्लॉग पर आए हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आ गए हैं। 

आज इस आर्टिकल में हम ईएमआई से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियों को देने वाले हैं बस आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। मैं वादा करता हूं हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर ईएमआई से संबंधित आपके मन में जितने भी प्रश्न होंगे आपको उन सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे। तो चलिए फिर बिना किसी देरी के शुरू करते हैं और ईएमआई के बारे में डिटेल्स में जानकारी प्राप्त करते हैं- 

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EMI Ka Full Form :-

EMI का फुल फॉर्म “Equated Monthly Installment” होता हैं जिसे हम हिंदी भाषा में ‘मासिक किस्त’ भी कहते हैं। किसी भी सामान के खरीदने पर या किसी लिए गए लोन को चुकाने पर हमें जो भी मासिक किस्त देनी पड़ती है उसे ही EMI कहा जाता हैं।

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EMI Full Form in Hindi :-

दोस्तों ऊपर दी गयी जानकारी को पढ़कर अबतक आपको यह पता चल ही गया होगा कि EMI का फुल फॉर्म “Equated Monthly Installment” होता हैं, Equated Monthly Installment भाषा में मतलब “मासिक किस्त” होता हैं।

ईएमआई (EMI) मासिक किस्त

ईएमआई क्या है? (What is EMI in Hindi) :-

जब हम किसी महंगे सामान को खरीदते हैं या फिर किसी लोन को लेते हैं तो हमें उसका मासिक किस्त में भुगतान करना पड़ता है इसे ही EMI कहते हैं।

जब आप मासिक किस्त के रूप में लोन के पैसे चूकाते हैं तो आपको लोन के पैसे (मूलधन) के साथ कुछ ब्याज भी देना पड़ता हैं मतलब जो आपकी मासिक किस्त होती है उसमें कुछ ब्याज भी जोड़ दिए जाते हैं।

  • मूलधन + ब्याज = मासिक किस्त (EMI)

नोट :- किसी लिए गए लोन को मासिक दर से कई किश्तों में जमा करने पर मासिक किस्त के साथ ब्याज भी देना पड़ता हैं इसे ही हम ईएमआई कहते हैं। 

कुछ सामान इतने महंगे होते हैं जिसे खरीदने पर हम उसका भुगतान एक ही बार में नहीं कर पाते हैं उसके लिए हम हर महीने में थोड़ा-थोड़ा करके देते है, इसे मासिक किस्त कहते हैं। 

जब आप किसी बैंक से एक बड़ा लोन लेते हैं तो आप उस लोन को एक ही बार में नहीं जमा कर पाते हैं इसकी भरपाई के लिए बैंक आपसे हर महीने में थोड़ा-थोड़ा करके पैसा जमा करवाती है जिसे मासिक किस्त कहते हैं तथा ब्याज को भी मिलाकर जो महीने की चुकाने की किस्त बनती हैं उसे ही EMI कहा जाता हैं। 

उदाहरण :- जैसे मान लो आपने ₹100000 की बाइक खरीदी और आप एक ही बार में उतना पैसा नहीं जमा कर सकते हैं तो उस कंपनी वाले आपसे एक ईएमआई फॉर्म भरवाते हैं और उसमें आपको मासिक दर से थोड़ा-थोड़ा करके किस्त देनी पड़ती है जिसे मासिक किस्त या ईएमआई कहते हैं।

इससे आपको एक बार में पैसा भी नहीं देना पड़ता और थोड़ा-थोड़ा करके आप उस पैसे को जमा भी कर देते हैं जिससे आपको बहुत आसानी नहीं होती है।

EMI का कैलकुलेशन कैसे किया जाता है :-

अगर आप ईएमआई पर किसी प्रोडक्ट या सामान को खरीदने जा रहे हैं तो आपको ईएमआई  कैलकुलेशन जरूर आना चाहिए ताकि आपके साथ कोई धोखाधड़ी ना कर सके और आपसे कोई ज्यादा पैसे ना ले सके। 

ईएमआई का कैलकुलेशन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है आईये इसके बारे में डिटेल्स में जानकारी प्राप्त करें। 

  • आपने बैंक या किसी साहूकार से जो भी पैसा लिया है उसे याद रखना होता है इस पैसा को हम Interest Rate कहते हैं। 
  • ऋण लेने वाले व्यक्ति को उस ऋण को चुकाने का समय भी पता होना चाहिए। 
  • अपने जो ऋण लिया हैं उस ऋण को चुकाते समय ब्याज दर क्या देनी पड़ेगी यह भी पता होना चाहिए।

1. लैपटॉप का ईएमआई कैसे कैलकुलेट करते हैं :-

इसका ईएमआई कैलकुलेशन करने के लिए आपको ऊपर बताए गए 3 चीजों के बारे में अवश्य जानकारी होनी चाहिए। 

  1. मूलधन
  2. ब्याज की दर
  3. समय

अगर आपको यह तीनों चीज पता है तो आप आसानी के साथ ईएमआई का कैलकुलेशन कर सकते हैं। 

उदाहरण :- जैसे मान लो आपको ₹80000 का लैपटॉप ईएमआई पर लेना है जिस पर उसकी ब्याज 10% लगाई गई है ब्याज सहित पूरी राशि चुकाने का समय 2 साल का रखा गया है। 

  • लैपटॉप का मूलधन –  ₹80000
  • ब्याज की दर – 10%
  • चुकाने का समय – 2 साल 

EMI Calculation :-

Step1 :- 1 साल में कुल 12 महीने होते हैं तो इस हिसाब से 2 साल में 24 महीने हुए तो यहाँ पर सबसे पहले हम मूलधन को समय से विभाजित करेंगे- 

(80000÷24) = 3333.3 रूपये.
 
Step2 :- अब मूलधन का 10% निकालेंगे तथा जो आएगा उसे 12 महीनों में विभाजित करेंगे- 
 
(80000÷10%) = 8000 रूपये.
 
Step3 :- अब इसे 12 महीने में विभाजित करेंगे- 
 
(8000÷12) = 666.6 रूपये.
 
Step4 :- अब उन दोनों को जोड़ देंगे तथा जो प्राप्त होगा वह आपका आपका ईएमआई किस्त होगा- 
 
(3333.3+666.6) = 3999.9 रूपये.
 
Emi किस्त – 3999.9 रूपये।

EMI के लाभ व हानि? (Advantages & Disadvantages of EMI) :-

ईएमआई से हमें कुछ लाभ होते हैं तो वहीं कुछ हानियां भी होती है आइये इसके लाभ और हानि के बारे में डिटेल्स में जानकारी प्राप्त करें- 

1. ईएमआई से लाभ? (Advantages of EMI) :-

एमआई से हमें बहुत से प्रकार के लाभ होते हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार से है- 

  • ईएमआई की मदद से आप कोई भी जरूरत का सामान बहुत ही आसानी से खरीद सकते हैं। 
  • यदि आपके पास पूरे पैसे इकट्ठे देने का पैसा नहीं है तो आप उस सामान को एमआई की मदद से खरीद सकते हैं। 
  • कभी-कभी EMI के ऑफर भी आते है जिसमें ब्याज की दर शून्य रूपये होता है यदि आप उस ऑफर के साथ प्रोडक्ट को खरीदते हैं तो आपको किसी भी प्रकार का ब्याज नहीं देना पड़ता है। 
  • समय-समय पर ईएमआई की किस्त भरने से आपके क्रेडिट कार्ड का स्कोर भी बढ़ता है। 
  • अगर आप किसी विश्वसनीय कंपनी से सामान को खरीदते हैं तो इसमें धोखाधड़ी होने की संभावना भी बहुत कम होती है। 

यह सारे ईएमआई के फायदे होते हैं जिसकी वजह से लोग ईएमआई का चयन करते हैं और ईएमआई से प्रोडक्ट को खरीदते हैं इसके अलावा एमआई के और भी बहुत से लाभ होते हैं।

2. ईएमआई से हानियां? (Disadvantages From EMI) :-

ईएमआई से हमें बहुत-सी प्रकार की हानियां भी होती है जिनमें से कुछ निम्न प्रकार से हैं- 

  • ईएमआई से सामान खरीदने पर आपको एक साथ पैसा नहीं देना पड़ता है इसीलिए लोग बहुत महंगा सामान खरीद लेते हैं जिसकी किस्त चुकाने में उन्हें दिक्कत होती है। 
  • समय-समय पर ईएमआई किस्त ना देने पर आपको बहुत से प्रकार के सर्विस टैक्स भी देने पड़ सकते हैं। 
  • अगर आपकी ईएमआई कंपनी विश्वसनीय नहीं है तो आपको बहुत ज्यादा ही नुकसान हो सकता है। 
  • ईएमआई के  द्वारा किसी सामान को खरीदने से पहले उसकी पॉलिसी को ज्यादातर लोग नहीं पढ़ते हैं इसीलिए उन्हें बाद में काफी नुकसान भी हो जाता है।

अगर आप ईएमआई पर किसी सामान को खरीदते हैं तो आपको लाभ के साथ-साथ कुछ हानियों का भी सामना करना पड़ सकता है इसीलिए जब भी ईएमआई पर किसी सामान को खरीदे तो सबसे पहले उसकी पॉलिसी को जरूर पढ़ें। 

FAQ :-

EMI का मतलब क्या होता है?

EMI का फुल फॉर्म “Equated Monthly Installment” होता हैं तथा हिंदी भाषा में इसका मतलब ‘मासिक किस्त’ होता हैं।  

EMI कैसे बनाते है?

ईएमआई कैलकुलेशन करने के लिए आपको ऊपर बताए गए 3 चीजों के बारे में अवश्य जानकारी होनी चाहिए।

  1. मूलधन
  2. ब्याज की दर
  3. समय

इसके बारे में मैंने ऊपर डिटेल्स में जानकारी दे रखी है आप ऊपर जाकर देख सकते है।  

एमपी का फुल फॉर्म क्या होता है?

MP का फुल फॉर्म ‘Member of Parliament’ तथा ‘Madhya Pradesh’ होता है।

इसे भी पढ़ें :-

आज आपने क्या सीखा :-

आज इस आर्टिकल में हमने ईएमआई से संबंधित बहुत सी प्रकार की जानकारियों को प्राप्त किया, इस आर्टिकल में हमने ईएमआई का फुल फॉर्म, ईएमआई क्या है तथा ईएमआई से संबंधित और भी बहुत से जानकारियों को प्राप्त किया।

अगर आपने हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ा होगा तो अब तक आपको ईएमआई से संबंधित बहुत सी प्रकार की जानकारियां प्राप्त हुई होंगी।

उम्मीद करता हूं कि आपको आपके उस प्रश्न का उत्तर भी मिल गया होगा जिस प्रश्न के उत्तर के लिए आप हमारे इस ब्लॉग पर आए थे। दोस्तों हमारा यह आर्टिकल emi ka full form आपको कैसा लगा हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं तथा यदि हमारे इस आर्टिकल से संबंधित आपके मन में कोई प्रश्न है तो वह भी हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।

यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं या फिर आप हमसे बात करना चाहते हैं तो हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं, मुझे आपके फ़ीडबैक का इंतजार रहेगा। अगर हमारा यह आर्टिकल emi ka full form आपको अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ तथा सोशल नेटवर्किंग साइट पर मिल शेयर करें (धन्यवाद)

David William

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