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ECG Ka Full Form क्या होता है? (2023) | ECG Full Form in Hindi

ECG Ka Full Form, ईसीजी क्या है, ईसीजी का फुल फॉर्म क्या है, ईसीजी का मतलब क्या होता है, what is full form of ecg in hindi, ईसीजी का हिंदी में क्या अर्थ होता है इत्यादि जैसे प्रश्नों के उत्तर आपको इस आर्टिकल में मिल जाएंगे। 

क्या आप ईसीजी से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस ब्लॉग पर आए हैं यदि आप ईसीजी से संबंधित किसी भी प्रकार के प्रश्न के उत्तर के लिए इस ब्लॉग पर आए हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आ गए है।

आज इस आर्टिकल में हम ईसीजी से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियों को देने वाले हैं बस आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। मैं वादा करता हूं हमारा यह आर्टिकल पढ़कर आपके मन में ईसीजी से संबंधित जितने भी प्रश्न होंगे आपको उन सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे। तो चलिए फिर शुरू करते हैं और इसके बारे में डिटेल्स में जानकारी प्राप्त करते हैं। 

ECG Ka Full Form :-

ECG का फुल फॉर्म “Electrocardiogram” होता हैं, इसका हिंदी उच्चारण ‘इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम‘ होता हैं। इसे हम हिंदी भाषा में “विद्युतयंत्र द्वारा ह्रदय की धड़कनों का रेखाचित्रण” भी कहते हैं। 

ECG Electrocardiogram

ECG Full Form in Hindi :-

ऊपर दी गयी जानकारी को पढ़कर अबतक आपको यह पता चल ही गया होगा कि ECG Ka Full Form “Electrocardiogram” होता हैं, Electrocardiogram का हिंदी भाषा में मतलब ‘विद्युतयंत्र द्वारा ह्रदय की धड़कनों का रेखाचित्रण‘ होता हैं। 

ईसीजी (ECG) विद्युतयंत्र द्वारा ह्रदय की धड़कनों का रेखाचित्रण

ECG क्या है? (What is ECG in Hindi) :-

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ECG एक तरह का टेस्ट होता हैं जिससे मशीनों के द्वारा दिल का टेस्ट किया जाता हैं, ईसीजी टेस्ट के द्वारा दिल के विद्युत क्रियाकलाप का पता लगाया जाता है जैसे दिल का दर्द, उच्च रक्तचाप, सांस की बीमारी, घबराहट तथा बेहोशी इत्यादि इसके अलावा दिल से संबंधित और भी बहुत-सी प्रकार की बीमारियों का पता लगाया जाता है।

ईसीजी एक ऐसा टेस्ट होता है जिसकी सहायता से दिल से संबंधित कई प्रकार की बीमारियों का पता लगाया जा सकता हैं। ईसीजी एक बहुत ही अच्छा टेस्ट होता है इसकी सहायता से हृदय से संबंधित होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों का पता लगाया जा सकता हैं तथा हृदय से संबंधित होने वाली किसी भी प्रकार की बीमारियों का पता लगाकर उसका इलाज भी कराया जा सकता हैं। 

ईसीजी टेस्ट से आपको ह्रदय से सम्बंधित उस बीमारी के बारे में पता चल जाता है और आप उस बीमारी का इलाज करा कर उसे ठीक करा सकते हैं। हृदय की स्वास्थ्यता के लिए आपको बीच-बीच में ईसीजी टेस्ट को करवा लेना चाहिए जिससे आपको यह पता चल जाएगा कि आपके शरीर में हृदय से संबंधित कोई बीमारी तो नहीं है तथा यदि कोई बीमारी निकलती है तो उसका इलाज करवा कर आप उस बीमारी को ठीक करा सकते हैं।

ईसीजी टेस्ट से क्या-क्या जानकारी प्राप्त होती है :-

ईसीजी टेस्ट की मदद से डॉक्टर को बहुत सी जानकारी प्राप्त होती है, ईसीजी टेस्ट की मदद से जो जानकारी प्राप्त होती है वो निम्न प्रकार से है-

  • ईसीजी टेस्ट की मदद से डॉक्टरों को मरीज के दिल की विद्युतीय गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।
  • ईसीजी टेस्ट की सहायता से मरीजों की चलने वाली दवाइयों के असर तथा उनके साइड इफ़ेक्ट को जानने में भी किया जाता हैं, मतलब मरीज की जो दवाई चल रही है वह किस प्रकार से असर कर रही है तथा मरीज पर उसका क्या इफेक्ट पड़ रहा है।
  • दिल में दर्द होने पर भी ईसीजी का टेस्ट किया जाता है जिससे यह पता लगाया जाता है कि कहीं यह दिल के दौरे का लक्षण तो नहीं है।
  • ईसीजी टेस्ट से यह भी पता लगाया जाता है कि दिल के दौरे से दिल की मांसपेशियों पर कोई प्रभाव पड़ रहा है कि नहीं। 
  • ईसीजी टेस्ट के द्वारा मरीज के दिल की वैल्यू का पता लगाया जाता है कि कहीं कुछ खराबी तो नहीं है। 

इन सबके अलावा ईसीजी टेस्ट से हमें और भी बहुत सी  प्रकार की जानकारियां प्राप्त होती है। 

ईसीजी के प्रकार (Types of ECG) :-

ईसीजी मुख्य से तीन प्रकार के होते हैं आइए इनके बारे में डिटेल्स में जानकारी प्राप्त करते हैं-

  1. Resting ECG
  2. Ambulatory ECG
  3. Stress or Exercise ECG. 

1. Resting ECG :-

रेस्टिंग ईसीजी तब किया जाता है जब मरीज आरामदायक स्थिति में बेड पर लेट जाता है। 

2. Ambulatory ECG :-

इसमें मरीज को अपनी कमर पर एक छोटी मशीन पहनने की जरूरत पड़ती है। इसमें रोगी अपने घर जा सकता है तथा अपने छोटे-मोटे काम को भी कर सकता हैं, यह एक या एक से अधिक दिनों के लिये दिल की निगरानी करने में मदद करता हैं। 

3. Stress or Exercise ECG :-

Stress or exercise ecg टेस्ट को तब किया जाता है जब आपके द्वारा ट्रेडमिल या व्यायाम बाइक का इस्तेमाल किया जा रहा होता हैं। 

ईसीजी क्यों करवाया जाता है :-

ईसीजी टेस्ट को करवाने से हमें हृदय से संबंधित कई प्रकार के रोगों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है इसलिए ईसीजी टेस्ट को कराया जाता है। 

ईसीजी टेस्ट के द्वारा हमें हृदय से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियों का पता चलता है तथा इसके अलावा और भी बहुत सी जानकारियां प्राप्त होती है, ईसीजी टेस्ट से हमें जो मुख्य जानकारी प्राप्त होती है वह नीचे निम्न प्रकार से दी गई है। 

  • हृदय के कक्षों के दीवारों की मोटाई को ज्ञात करने के लिये ईसीजी टेस्ट कराया जाता है। 
  • हृदय का एक और बढ़ जाना, इसकी टेस्टिंग के लिए भी ईसीजी टेस्ट को कराया जाता है। 
  • असामान ह्रदय की लय के लिए। 
  • अतीत में दिल का दौरा पड़ने पर। 
  • हृदय में दर्द के कारण कोलेस्ट्रोल का जमा होना। 
  • मधुमेह तथा उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति। 

ईसीजी से लाभ? (Advantages of ECG) :-

ईसीजी टेस्ट के जो लाभ होते हैं वह निम्न प्रकार से है – 

  • इस टेस्ट की मदद से हम ह्रदय से संबंधित सभी प्रकार की बीमारियों का पता लगा सकते हैं। 
  • ईसीजी टेस्ट से हम हृदय के प्रति मिनट धड़कने की दर का भी पता लगा सकते हैं। 
  • ECG टेस्ट हमें अपने दिल की इलेक्ट्रिक एक्सेस का सही निर्धारण करने तथा दिल से संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याओं के निदान में भी सहायक होता है। 

इसकी मदद से आप आसानी से यह जांच कर सकते हैं कि आपका दिल स्वस्थ है अथवा नहीं है, यदि आपके दिल में कोई दिक्कत होती है तो आप इस टेस्ट के द्वारा उसका पता लगा सकते हैं। 

ईसीजी से नुकसान? (Disadvantages of ECG) :-

आमतौर पर ईसीजी कराने से हमारे शरीर को तो कोई भी नुकसान नहीं होता है परंतु शरीर के दिन भागों में इलेक्ट्रोड को लगाया जाता है उसे निकालने के बाद उन जगहों पर सूजन आ जाती है तथा चकत्ते जैसा कुछ पड़ जाता है। 

ईसीजी टेस्ट की फीस? (ECG Test Fee) :-

बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिनके मन में चलता रहता है कि ईसीजी का टेस्ट बहुत ही महंगा होता होगा और इस टेस्ट को कराने में बहुत पैसा लगता होगा, परंतु में आपको बता दूं कि ईसीजी का टेस्ट ज्यादा महंगा नहीं होता है अर्थात इस टेस्ट को कराने में ज्यादा पैसे नहीं लगते हैं। 

कुछ हॉस्पिटल ऐसे होते हैं जहां पर इस टेस्ट की फीस थोड़ा अधिक होती है तथा कुछ हॉस्पिटल में इसकी एकदम कम फीस होती है, मतलब सभी अस्पतालों में इस टेस्ट की अलग-अलग फीस होती है। अगर बात करें इस टेस्ट की औसतन फीस की तो ईसीजी टेस्ट की फीस 100 से 500 रूपये के मध्य में होती है। 

  • औसतन फीस  – (100-500) रूपये 

ईसीजी करवाने से पहले क्या ना करें :-

दोस्तों यदि आप ईसीजी करवाने जा रहे हैं तो आपको यह पता होना चाहिए कि आपको क्या-क्या नहीं करना है क्योंकि यदि आप कुछ गलत कर दोगे तो आपका ईसीजी टेस्ट अच्छा रिजल्ट नहीं देगा और उसमें कुछ ना कुछ कमियां आ जाएगी। 

आइए जानते हैं कि ईसीजी करवाने से पहले हमें क्या-क्या नहीं करना चाहिए- 

  • यदि आप ईसीजी करवाने जा रहे हैं तो आपको त्वचा पर किसी भी प्रकार की क्रीम या लोशन अर्थात चिकने पदार्थ को नहीं लगाना चाहिए, यदि आप त्वचा पर कोई चिकना पदार्थ लगा लेते हैं तो इलेक्ट्रोड को चिपकने में दिक्कत होती है और इलेक्ट्रोड त्वचा के संपर्क में नहीं आते हैं। 
  • यदि आप ईसीजी करवाने जा रहे हैं तो आपको ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। 
  • यदि आप ईसीजी करवाने जा रहे हैं तो आपको एक्सरसाइज भी नहीं करनी चाहिए। 

ईसीजी के दौरान :-

ईसीजी टेस्ट एक ऐसा टेस्ट होता है जिसमें किसी भी प्रकार का कोई दर्द नहीं होता है, इस टेस्ट में आपको बेड पर लिटाया जाता है उसके बाद आपके सीने, टांगो तथा बाहों पर पैड रखा जाता है फिर पैड को ईसीजी मशीन के तारों के साथ जोड़ा जाता है।

20 से 25 सेकंड के अंदर ईसीजी मशीन हमारे हृदय की गतिविधियों को पढ़ लेता है, ये 20 से 25 मिनट हमें बिल्कुल भी हिलना डुलना नहीं होता है, इस टेस्ट के दौरान हमें किसी भी व्यक्ति से बात नहीं करना होता हैं। जब यह टेस्ट पूरा हो जाता है तो डॉक्टर ईसीजी मशीन के तारों को हटा देता है। 

क्या ईसीजी टेस्ट करवाने में कोई जोखिम होता है :-

ईसीजी टेस्ट करवाने में हमें बिल्कुल भी दर्द नहीं होता है यह एक दर्द रहित टेस्ट होता है। ईसीजी टेस्ट हमारे दिल की गतिविधियों को मापता है। इस टेस्ट में किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं होता है या एक जोखिम रहित टेस्ट होती है। 

FAQ :-

ई सी जी का पूरा नाम क्या है?

ECG का फुल फॉर्म “Electrocardiogram” होता हैं, इसे हम हिंदी भाषा में “विद्युतयंत्र द्वारा ह्रदय की धड़कनों का रेखाचित्रण” भी कहते हैं।   

ECG से क्या पता चलता है?

ईसीजी टेस्ट के द्वारा दिल के विद्युत क्रियाकलाप का पता लगाया जाता है जैसे दिल का दर्द, उच्च रक्तचाप, सांस की बीमारी, घबराहट तथा बेहोशी इत्यादि।   

ईसीजी का जनक कौन है?

ईसीजी के जनक ‘एंथोवेन’ हैं, यें एक डच चिकित्सक थे। 

नॉरमल ईसीजी कितना होना चाहिए?

नार्मल ईसीजी विश्राम की स्थिति में ह्रदय के धड़कने की दर 60-80 धड़कन प्रति मिनट होनी चाहिए।

निष्कर्ष :-

इस आर्टिकल को पढ़कर यही निष्कर्ष निकलता है कि ईसीजी एक ऐसा टेस्ट होता है जिसकी सहायता से हम हृदय से संबंधित किसी भी प्रकार की बीमारियों का पता लगा सकते हैं। 

यदि हमारे शरीर में हृदय से संबंधित हमें कोई भी समस्या है तो हम ईसीजी का टेस्ट करवा कर उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

ईसीजी का टेस्ट बहुत ही सस्ता टेस्ट होता है इसीलिए इस टेस्ट को हर एक व्यक्ति आसानी से करा सकता है तथा ईसीजी टेस्ट से हमें बहुत से लाभ होते हैं। 

आज आपने क्या सीखा :- 

आज इस आर्टिकल में हमने ईसीजी से संबंधित बहुत ही प्रकार की जानकारियों को प्राप्त किया, इस आर्टिकल में हमने ईसीजी का फुल फॉर्म, ईसीजी क्या है, ईसीजी के लाभ, ईसीजी से हानि तथा ईसीजी टेस्ट करवाने में लगने वाली फीस तथा इसके अलावा ईसीजी से संबंधित और भी बहुत सी जानकारियों को प्राप्त किया। 

अगर आपने हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ा होगा तो अब तक आपको ईसीजी से संबंधित बहुत सी जानकारी प्राप्त हुई होगी, मैं उम्मीद करता हूं दोस्तों आपकोउस प्रश्न का उत्तर भी मिल गया होगा जिसके लिए आप हमारे इस ब्लॉग पर आकर हमारे इस आर्टिकल को पढ़ रहे थे। 

दोस्तों हमारा यह आर्टिकल ecg ka full form आपको कैसा लगा हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताना तथा यदि हमारे इस आर्टिकल से संबंधित आपके मन में कोई प्रश्न है तो वह भी हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताना। 

यदि आप हमारे इस ईसीजी से संबंधित आर्टिकल पर हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं या आप हमसे संपर्क करके हमसे बात करना चाहते हैं तो वह भी हमें कमेंट करके जरूर बताएं, मुझे आपके फ़ीडबैक का इंतजार रहेगा। 

अगर हमारा यह आर्टिकल ecg ka full form आपको पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अगर सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी शेयर करें। ऐसी ही और नई-नई जानकारियों को प्राप्त करने के लिए हमारे इस ब्लॉग www.Hindima.in पर विजिट करते रहे (धन्यवाद)

David William

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