VRS Full Form in Hindi | VRS Ka Full Form क्या होता है?
VRS Full Form, वीआरएस का फुल फॉर्म क्या होता है, वीआरएस क्या होता है वीआरएस का मतलब क्या होता है, वीआरएस का पूरा नाम क्या हैं, वीआरएस का हिंदी अर्थ क्या होता है तथा वीआरएस के लाभ क्या है इत्यादि जैसे प्रश्नों के उत्तर आपको इस आर्टिकल में मिल जाएंगे।
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आज इस आर्टिकल में हम वीआरएस फुल फॉर्म तथा वीआरएस से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियों को देने वाले हैं बस आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। मैं वादा करता हूं हमारा यह आर्टिकल पढ़कर आपके मन में वीआरएस से संबंधित जितने भी प्रश्न होंगे आपको उन सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे।
VRS Full Form :-
VRS का फुल फॉर्म “Voluntary Retirement Scheme” होता हैं, इसे हम ‘वोलंटरी रिटायरमेंट स्कीम’ भी बोल सकते हैं।
V | Voluntary |
R | Retirement |
S | Scheme |
अतिरिक्त कर्मचारियों की संख्या को कम करने के लिए विभिन्न प्रकार की कंपनियों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला नियम के वीआरएस के अंतर्गत आता है। यह कर्मचारियों की मौजूद ताकत में कमी लाने वाली सबसे अच्छी तकनीक मानी जाती तथा यह कर्मचारियों की संख्या में से कर्मचारियों को छाँटने की सबसे अच्छी प्रक्रिया होती है।
VRS Full Form in Hindi :-
जैसा कि ऊपर मैंने आपको बताया कि वीआरएस का फुल फॉर्म “Voluntary Retirement Scheme” होता है, इसे हम हिंदी भाषा में ‘स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना‘ भी कहते हैं। अर्थात वीआरएस का हिंदी फुल फॉर्म “स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना” होता हैं।
वीआरएस (VRS) | स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना |
VRS का मतलब (Meaning of VRS in Hindi) :-
हमारे देश में भारत सरकार या राज्य सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए समय-समय पर कई प्रकार की योजनाओं को लागू किया जाता है उन्ही सब योजनाओं में से वीआरएस एस भी एक है।
किसी सरकारी संगठन में काम कर रहे कर्मचारियों की संख्या को कम करने या फिर संगठन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार या राज्य सरकार के द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) को लाया जाता हैं।
इस योजना के तहत वह कर्मचारी जो 50 वर्ष या 50 वर्ष से अधिक आयु का हो गया है उस कर्मचारी को इस योजना का पात्र माना जाता है। इस योजना के पात्र केवल नियमित और स्थाई कर्मचारी को भी माना जाता है।
वीआरएस क्या है? (What is VRS in Hindi) :-
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना अर्थात वीआरएस किसी कंपनी द्वारा अत्यधिक कर्मचारियों की संख्या दर को कम करने की एक विधि होती है अर्थात किसी कंपनी में से कर्मचारियों की संख्या को कम करने की यह एक विधि होती है।
वीआरएस एक ऐसी सामान्य पद्धति होती हैं जिसे अतिरिक्त जनशक्ति को बांटने तथा संगठन में सुधार करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। कंपनी से कर्मचारियों को रिटायर करने के लिए यह सबसे सरल नियम है। इसे हम गोल्डन हैंड शेक (Golden Hand Shake) जानते हैं क्योंकि यह कर्मचारियों को सही से छांटने का सबसे बेहतरीन तरीका होता है।
यह योजना हमारे देश भारत में इसलिए आई क्योंकि श्रम कानून संघकृत कर्मचारियों की प्रत्यक्ष सेवानिवृत्त की अनुमति नहीं देते हैं। भारत में औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 छंटनी के अंतर्गत, कर्मचारी स्टाफ को कम करने के मामलों में इसके नियोजकों प्रतिबंधित करता है, इस प्रक्रिया के तहत बहुत से नियम कानून बनाए गए हैं।
VRS के नियम? (Rule of VRS) :-
वीआरएस के बहुत से नियम होते हैं जो निम्न प्रकार से है-
- जिस कर्मचारी ने 20 साल की सेवा पूरी कर ली हो तथा जिस कर्मचारी की आयु 50 वर्ष या इससे अधिक की हो गई हो वो कर्मचारी वीआरएस के पात्र होंगे।
- वीआरएस को लेने के लिए वह सबसे पहले नियुक्ति प्राधिकारी को प्रत्यक्ष रूप से एक नोटिस लिखकर 3 महीने पहले भेज देगा।
- इसके बाद नियुक्त प्राधिकारी के द्वारा, प्राप्त हुए नोटिस की तिथि से समय की गणना की जाती है।
- वीआरएस को प्राप्त करने के लिए नियुक्त प्राधिकारी को कर्मचारी द्वारा संतुष्ट किया जाता है कि उसके द्वारा क्वालीफाइंग सर्विस को पूरा कर लिया गया है, नियुक्त प्राधिकारी संतुष्ट होने के बाद अपनी स्वीकृति प्रदान करता है।
- कर्मचारी को वीआरएस प्राप्त होने पर उनको जो कंपनसेशन प्राप्त होता है वह उनकी सैलरी हेड की इनकम मानी जाती हैं।
- इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्सन 10 (10 C) के तहत वीआरएस से प्राप्त कंपनसेशन की अधिकतम 5 लाख तक की छूट प्राप्त की जा सकती हैं।
VRS का नियम कब लागू होता है :-
निम्नलिखित स्थितियों में वीआरएस का नियम लागू होता है-
- व्यापार में मंदी आ जाने पर इस नियम को लागू किया जाता है।
- व्यापार में कंपटीशन के बढ़ने की स्थिति में इस नियम को लगाया जाता है जब तक स्थिति में सुधार ना आ जाए।
- उत्पाद तथा प्रौद्योगिकी को पुराने तरीके से चलाने के लिए इस नियम को लगाया जाता है।
- बाहरी (विदेशी) सहयोगियों के साथ संयुक्त उद्यमों के कारण इस नियम को लगाया जाता है।
- कंपनी अधिग्रहण या विलय होने की स्थिति में इस नियम को लागू किया जा सकता है।
VRS के फायदे? (Advantages of VRS) :-
वीआरएस के जो फायदे होते हैं वो निम्न प्रकार से हैं-
- कर्मचारी को भविष्य निधि अर्थात पीएफ तथा ग्रेच्युटी बकाया मिलता है।
- वीआरएस के समय मिलने वाली क्षतिपूर्ति तथा कुछ शर्तों को पूरा करने पर निर्धारित राशि तक कर मुक्त होता है।
- कंपनी उन कर्मचारियों को भी लाभ देती हैं जिन्होंने बीआरएस का विकल्प चुना है।
- सेवा की सामान्य तिथि से पहले सेवा के बचे हुए दिन तक सेवक के प्रत्येक वर्ष या मासिक परित्याग के लिए 45 दिन का वेतन, जो भी काम हो।
इस सबके अलावा वी आर एस के और भी बहुत से फायदे होते हैं।
FAQ :-
VRS का मतलब क्या होता है?
VRS का फुल फॉर्म “Voluntary Retirement Scheme” होता हैं, हिंदी भाषा में इसका मतलब ‘स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना’ होता है।
क्या सरकार काम में वीआरएस है?
इस योजना के तहत वह कर्मचारी जो 50 वर्ष या 50 वर्ष से अधिक आयु का हो गया है उस कर्मचारी को इस योजना का पात्र माना जाता है। इस योजना के पात्र केवल नियमित और स्थाई कर्मचारी को भी माना जाता है।
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति क्या होती है?
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना, किसी कंपनी द्वारा अत्यधिक कर्मचारियों की संख्या दर को कम करने की एक विधि होती है अर्थात किसी कंपनी में से कर्मचारियों की संख्या को कम करने की यह एक विधि होती है।
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आज आपने क्या सीखा :-
आज इस आर्टिकल में हमने वीआरएस से संबंधित बहुत सी प्रकार की जानकारियों को प्राप्त किया, इस आर्टिकल में हमने वीआरएस का फुल फार्म, वीआरएस का मतलब, वीआरएस क्या हैं, वीआरएस के नियम तथा वीआरएस के लाभ के बारे में जानकारी प्राप्त की।
दोस्तों अगर आपने हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ा होगा तो अब तक आपको वीआरएस से संबंधित बहुत-सी प्रकार की जानकारी प्राप्त हुई होगी तथा मैं आशा करता हूं दोस्तों आपको उस प्रश्न का उत्तर भी मिल गया होगा जिसके लिए आप हमारे ब्लॉग पर आए थे।
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