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DM Ka Full Form क्या होता है? | डीएम (DM) कैसे बनें?

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क्या आप डीएम का फुल फॉर्म या फिर डीएम से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए हमारे इस ब्लॉग पर आए हैं, यदि आप डीएम से संबंधित किसी भी प्रकार के प्रश्न के उत्तर के लिए इस ब्लॉग पर आए हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आ गए हैं। 

आज इस आर्टिकल में हम डीएम से संबंधित बहुत सी प्रकार की जानकारियों को देने वाले हैं बस आप हमारा यह आर्टिकल पूरा पढ़ें। मैं वादा करता हूं दोस्तों हमारा यह आर्टिकल पढ़कर आपके मन में डीएम से संबंधित जितने भी प्रश्न होंगे आपको उन सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे, आइए शुरू करते हैं और डीएम के बारे में डिटेल्स में जानकारी प्राप्त करते हैं- 

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DM Ka Full Form :-

DM का फुल फॉर्म “District Magistrate” होता हैं जिसे अपनी भाषा में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कहते हैं। डिस्टिक मजिस्ट्रेट को हम हिंदी भाषा में “जिला मजिस्ट्रेट” के नाम से भी जानते हैं। 

डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट यानी डीएम को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) का एक अधिकारी भी कहते सकते हैं. यें भारत के किसी एक जिले के सामान्य प्रशासन के सबसे वरिष्ठ कार्यकारी मजिस्ट्रेट का प्रमुख होता हैं। 

D District
M Magistrate

DM Full Form in Hindi :-

दोस्तों जैसा कि ऊपर मैंने आपको बताया कि DM Ka Full Form “District Magistrate” होता है जिसे हम डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कहते हैं। 

दोस्तों डीएम को हिंदी में ‘जिला मजिस्ट्रेट’ के नाम से जाना जाता है तथा “जिला मजिस्ट्रेट” को ही हम डीएम का हिंदी फुल फॉर्म भी कहते हैं। 

D District जिला
M Magistrate मजिस्ट्रेट

DM क्या है? (What is DM in Hindi) :-

District Magistrate यानी DM भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service) अर्थात IAS का एक अधिकारी होता हैं जो भारत के किसी एक जिले में सामान्य प्रशासन का सबसे वरिष्ठ कार्यकारी मजिस्ट्रेट तथा प्रमुख होता है। 

जिला मजिस्ट्रेट अधिकारी जिसे डीएम के नाम से भी जानते हैं, यह भारतीय प्रशासनिक सेवा अर्थात आईएएस का अधिकारी होता हैं तथा इनके पास भारत के किसी एक जिले के सबसे वरिष्ठ कार्यकारी मजिस्ट्रेट का पद होता है। 

भारत में कुल लगभग 718 जिले हैं और इन सभी जिलों का नेतृत्व उस जिले का DM ही करता हैं।जिला मजिस्ट्रेट तथा कलेक्टर किसी एक जिले के मुख्य कार्यकारी होते हैं जो उस जिले के प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने के जिम्मेदार होते हैं या उस जिले के प्रशासन को सुचारू रूप से चलाते हैं। 

जिला मजिस्ट्रेट को आप उस जिले का प्रधान आधार भी कह सकते हैं क्योंकि यें जिले के अंदर कार्य करने वाली आधिकारिक एजेंसियों से तालमेल बनाने वाले एक मुख्य एजेंट होते हैं।

DM किसे कहते है :-

District Magistrate को ही शार्ट भाषा में DM के नाम से जानते हैं, DM वो होता हैं जो कानून व्यवस्था का रखरखाव, पुलिस तथा जेलों की देखरेख इत्यादि जैसे कार्यों को करता हैं।

एक डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट का पद बहुत ही बड़ा पद होता हैं इसलिए इनकी जिम्मेदारियां भी बहुत अधिक होती हैं, जिसके बारे में आपको आगे जानने को मिलेगा। 

DM का मतलब? (Meaning of DM in Hindi) :-

District Magistrate या एक DM अधिकारी किसी जिले का सबसे बड़ा अधिकारी होता है अर्थात डीएम का पद जिले का सबसे बड़ा पद होता है। जिला मजिस्ट्रेट किसी जिले का एक ऐसा अधिकारी होता है जो जिले में भू-राजस्व के संग्रह के लिये जिम्मेदार होता हैं, DM को हम जिला न्यायाधीश भी कहते हैं। 

दोस्तों प्रत्येक जिले में एक न्यायालय होता है तथा प्रत्येक न्यायालय में एक न्यायाधीश होते हैं, न्यायालय में जो न्यायाधीश होता हैं वह DM ही होता हैं। जिले के न्यायाधीश यानी DM पूरे जिले में सेवा प्रदान करने का काम करता हैं तथा पूरे जिले भर में सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने का प्रयास करता हैं। यही वजह हैं कि DM को जिले का मुखिया भी कहा जाता हैं।

DM के कार्य? (Work of DM) :-

District Magistrate यानि एक DM अधिकारी के बहुत से कार्य होते हैं, इनके जो कार्य होते हैं वो निम्न प्रकार से हैं- 

  • DM का सबसे मुख्य कार्य पूरे जिले भर में कानून व्यवस्था को बनाये रखना होता हैं। 
  • वार्षिक अपराध की रिपोर्ट सरकार को देना DM का ही कार्य होता हैं। 
  • DM का कार्य पुलिस तथा जेलों का निरिक्षण करना भी होता हैं।
  • DM जिले में काम कर रहें विभिन्न प्रकार के Magistrate का भी निरिक्षण करते हैं। 
  • सभी कार्यों की मंडल आयुक्त को जानकारी देना भी DM का ही कार्य होता हैं। 
  • एक DM ऑफिसर, जब मंडल आयुक्त उपस्थित नहीं होते हैं तो जिला विकास प्राधिकरण के पद पर अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की जिम्मेदारी निभाते हैं। 

इसके अलावा और भी बहुत से कार्य होते हैं जो एक DM के द्वारा किया जाता हैं।

DM बनने के लिये योग्यता? (Eligibility For DM) :-

DM बनने के लिये कुछ योग्यतायें मांगी जाती हैं, यदि आपके पास वो सारी योग्यताएं होती हैं तभी आप DM बनने के योग्य होते हैं। आइए जानते हैं डीएम बनने के लिए हमसे कौन-कौन सी योग्यताएं मांगी जाती है-

1. शैक्षिक योग्यता (Educational Qualification) :-

डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट यानी डीएम पद के उम्मीदवारों के पास किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से पास की गई ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए अर्थात डीएम पद के उम्मीदवारों के पास किसी की मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से पास की गयी स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।

2. आयु सीमा (Age Limit) :-

डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अर्थात डीएम पद के सामान्य वर्ग के उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष तथा अधिकतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए अर्थात डीएम पद के सामान्य वर्ग के उम्मीदवार की आयु 18 वर्ष से 30 वर्ष के मध्य में होनी चाहिए। 

ओबीसी वर्ग के लोगों के उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष तथा अधिकतम आयु 33 वर्ष रखी गयी हैं। SC/ST वर्ग के लोगों के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष तथा अधिकतम आयु 35 वर्ष रखी गई है।

DM कैसे बनें :-

दोस्तों डीएम बनना लगभग सभी विद्यार्थियों का सपना होता है, शायद डीएम बनना आपका भी सपना हो। परंतु क्या आपको पता है कि आप डीएम कैसे बन सकते हैं? 

दोस्तों डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट यानी डीएम बनने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है तथा इसके अलावा आपको TOP 100 में अपनी रैंक लानी पड़ती हैं। 

इस परीक्षा में पास होकर आप भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी (IAS) बन जाएंगे तथा इसी पद पर काम करते हुए एक या दो पदोन्नति के बाद आपको किसी एक जिले का डीएम बना दिया जाता हैं।

DM का परीक्षा पैटर्न (DM Exam Pattern) :-

दोस्तों डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट यानी डीएम की परीक्षा को तीन चरण में बांटा गया है, जो कि निम्न प्रकार से हैं- 

1. प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam) :-

डीएम पद के उम्मीदवार को सबसे पहले प्रारंभिक परीक्षा में सफलता प्राप्त करनी होती है, प्रारंभिक परीक्षा लिखित परीक्षा होती है जिसमें अभ्यार्थियों को एक निश्चित समय में दिए गए प्रश्नों को हल करना होता है।

प्रथम चरण की परीक्षा को ही प्रारंभिक परीक्षा देते हैं, प्रारंभिक परीक्षा को पास कर लेने के बाद ही अभ्यार्थी इसके दूसरे चरण की परीक्षा में जाने के योग्य के होते हैं। 

2. मुख्य परीक्षा (Mains Exam) :-

प्रथम चरण यानी प्रारंभिक परीक्षा में सफलता प्राप्त कर लेने के बाद अभ्यार्थियों से दूसरे चरण की परीक्षा ली जाती है, यह परीक्षा भी एक लिखित परीक्षा होती है जिसमें अभ्यार्थियों से कुछ प्रश्न किए जाते हैं जिसको हल करने के लिए एक निश्चित समय भी दिया जाता है। 

तीसरे चरण की परीक्षा में जाने के लिए आपको पहले दोनों चरणों की परीक्षाओं को पास करना होता है, यदि आप पहले तथा दूसरे चरण की परीक्षा में सफलता प्राप्त करते हैं तभी आप तीसरे चरण की परीक्षा में जाने के लिए योग्य होते हैं। 

3. साक्षात्कार (Interview) :-

पहले दोनों चरणों की परीक्षाओं को पास कर लेने के बाद अभ्यार्थियों को तीसरे चरण की परीक्षा के लिए बुलाया जाता है, तीसरे चरण की परीक्षा में अभ्यार्थी से मौखिक प्रश्न किये जाते हैं अर्थात तीसरे चरण की परीक्षा साक्षात्कार होती है जिसमें अभ्यार्थियों से कुछ मौखिक प्रश्न किए जाते हैं। 

इस परीक्षा में पूछे जाने वाले मौखिक प्रश्नों के उत्तर आपको देना होता है। इन तीनों चरणों की परीक्षाओं के आधार पर ही अभ्यार्थियों को इस पद के लिए नियुक्त किया जाता है।

तैयारी कैसे करें :-

आप DM की परीक्षा की तैयारी किस तरह से कर सकते हैं आइये इसके बारे में जानते हैं- 

  • डीएम परीक्षा की तैयारी के लिए आपको सबसे पहले एक स्ट्रेटजी तैयार करनी है, जिसे आप किसी एक्सपर्ट की मदद से भी कर सकते हैं। 
  • डीएम परीक्षा की तैयारी करने के लिए आपको अपने जनरल नॉलेज को बढ़ाना होगा, इसके लिए आप रोजाना न्यूज़पेपर तथा बुक को पढ़ें। 
  • डीएम परीक्षा की तैयारी करने के लिए आपको कानून के बारे में भी पढ़ना चाहिए तथा कानून के बारे में अच्छी खासी जानकारी हासिल करने का प्रयास करना चाहिए।
  • आपको डीएम परीक्षा की तैयारी करने के लिए इसके पास्ट ईयर के प्रश्न पत्र को देखना चाहिए तथा उसे समझना चाहिए और उसी के हिसाब से तैयारी करनी चाहिए, इससे आपको बहुत ज्यादा ही फायदा होगा। 
  • आपको ज्यादा से ज्यादा इंटरनेट का प्रयोग करके नई नई जानकारियों को प्राप्त करना चाहिए, आपको पता ही होगा कि आज का समय डिजिटल युग हो गया है आज के समय में आपको इंटरनेट पर सब कुछ मिल जाएगा इसलिए आप ज्यादा से ज्यादा इंटरनेट का प्रयोग करें और नई नई जानकारियों को प्राप्त करते रहें। 

इस तरह से आप डीएम परीक्षा की तैयारी बहुत ही अच्छे प्रकार से कर पाएंगे तथा मैं उम्मीद करता हूं इस तरह से पढ़ाई करके आप सफलता भी प्राप्त कर पाएंगे।

DM की सैलरी? (Salary of DM) :-

दोस्तों एक डीएम ऑफिसर पूरे जिले का मुख्य अधिकारी होता है तथा एक डीएम ऑफिसर की बहुत सारी जिम्मेदारियां भी होती है इसीलिए इन्हें एक अच्छी-खासी सैलरी भी दी जाती है। 

दोस्तों DM को प्रतिमाह 75000 से 150000 रुपए के मध्य में सैलरी प्रदान की जाती है, दोस्तों डीएम एक आईएएस अधिकारी होता है इसलिए डीएम की सैलरी भी इसी के अंतर्गत ही आती है। 

Salary (75000-15000) रुपए / प्रतिमाह 

इसके अलावा डीएम को एक अच्छी-खासी सैलरी के साथ-साथ और भी बहुत सी सुविधाएं प्रदान की जाती है, आइए जानते हैं कि डीएम को कौन-कौन सी सुविधाएं प्रदान की जाती है। 

DM को दी जाने वाली सुविधाएं :-

डीएम को एक अच्छी सैलरी के साथ-साथ और भी बहुत सी सुविधाएं दी जाती है, डीएम को जो अतिरिक्त सुविधाएं दी जाती है वो निम्न प्रकार से हैं-

  • डीएम को रहने के लिए एक सरकारी बंगला दिया जाता है।
  • डीएम को आने जाने करने के लिए एक गाड़ी तथा ड्राइवर भी दिया जाता है।

ऐसे ही और बहुत सी सुविधाएं हैं जो डीएम को दी जाती है।

DM के कुछ अन्य फुल फॉर्म्स :-

डीएम के बहुत से फुल फॉर्म्स होते हैं, जो निम्न प्रकार से हैं-

  • DM – Device Manager
  • DM – Discrete Mathematics
  • DM – Dual Mode
  • DM – Direct Mail
  • DM – Digital Media
  • DM – Direct Message
  • DM – Desease Management
  • DM – Drink Maker
  • DM – Diamond Mine
  • DM – Docking Module
  • DM – Decision Maker
  • DM – Direct Modulation
  • DM – Display Message
  • DM – Direct Marketing
  • DM – Digital Marketing
  • DM – Discussion Meeting etc.

इन सबके अलावा डीएम के और भी बहुत है फुल फॉर्म्स होते हैं।

FAQ :-

डीएम का अर्थ क्या होता है?

DM का फुल फार्म “District Magistrate” होता है, District Magistrate को हिंदी में ‘जिला मजिस्ट्रेट’ के नाम से जाना जाता हैं।

डीएम की कौन सी पोस्ट होती है?

DM भारतीय प्रशासनिक सेवा अर्थात IAS का एक अधिकारी होता हैं, DM एक जिले में सामान्य प्रशासन का सबसे वरिष्ठ कार्यकारी मजिस्ट्रेट तथा प्रमुख होता है।

एस डी एम का फुल फॉर्म क्या है?

SDM का फुल फार्म “Sub Divisional Magistrate” होता है।  

आज आपने क्या सीखा :- 

दोस्तों आज इस आर्टिकल में हमने डीएम से संबंधित बहुत सी जानकारियों को प्राप्त किया, इस आर्टिकल में हमने DM Ka Full Form, डीएम क्या है, डीएम किसे कहते हैं, डीएम का मतलब, डीएम का कार्य, डीएम की सैलेरी, डीएम को प्रदान की जाने वाली सुविधाएं तथा इसके अलावा डीएम से संबंधित और भी बहुत सी प्रकार की जानकारियों को प्राप्त किया। 

दोस्तों अगर आपने हमारे इस आर्टिकल DM Ka Full Form को पूरा पढ़ा होगा तो अब तक आपको डीएम से संबंधित बहुत सी प्रकार की जानकारियां प्राप्त हुई होंगी तथा मैं आशा करता हूं दोस्तों आपको उस प्रश्न का उत्तर भी मिल गया होगा जिसके लिए आप हमारे इस ब्लॉग पर आए थे। 

दोस्तों हमारा यह DM से सम्बंधित आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें कमेंट के द्वारा जरूर बताएं तथा यदि हमारे इस आर्टिकल से संबंधित आपके मन में कोई प्रश्न है तो कमेंट के द्वारा जरूर बताएं। यदि आप हमारे इस डीएम से संबंधित आर्टिकल पर हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट के द्वारा जरूर बताएं, दोस्तों मुझे आपके फीडबैक का इंतजार बेसब्री से रहेगा। 

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David William

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