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CV Full Form in Hindi | CV बनाने की जरूरत क्यों होती हैं?

CV Full Form in Hindi, CV Full Form, CV Ka Full Form, CV क्या हैं, CV का पूरा नाम, CV क्या होता हैं, Meaning of CV in Hindi, CV का मतलब, CV का अर्थ, इस तरह के प्रश्नों के उत्तर आपको इस आर्टिकल के अंदर मिल जाएंगे। 

क्या आप CV का Full Form या CV से सम्बंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए हमारे इस ब्लॉग पर आए हैं, यदि आप CV से सम्बंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस ब्लॉग पर आये हैं तो आप सही जगह आ गये हैं। 

आज इस आर्टिकल में हम CV से संबंधित लगभग सभी प्रकार की जानकारियों को देने वाले हैं बस आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। मैं वादा करता हूं हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर आपके मन में सीवी से संबंधित जितने भी प्रश्न होंगे आपको उन सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे। 

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CV Full Form :-

दोस्तों आज के समय में जब आप किसी भी प्राइवेट कंपनी में नौकरी के लिए अप्लाई करते हैं तो वहां पर सबसे पहले आपसे आपकी CV मांगी जाती है। 

सीवी में हम लोग हम अपने से संबंधित उन सभी जानकारियों को रखते हैं जिनकी आवश्यकता होती है, दोस्तों इसे हम इस प्रकार से भी कह सकते हैं कि सीवी हमें नौकरी दिलाने में बहुत अधिक मदद करती है। 

दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम इसी CV से संबंधित जानकारियों को प्राप्त करने वाले हैं, आइए इसके बारे में विस्तृत में जानकारी प्राप्त करते हैं। 

CV Ka Full Form :-

CV का फुल फॉर्म “Curriculum Vitae” होता हैं, CV को हिंदी भाषा में ‘शैक्षिक अभिलेख एवं कार्य अनुभव‘ के नाम से जानते हैं। CV में व्यक्ति की शैक्षिक योग्यता, पर्सनल डिटेल्स तथा कार्य अनुभव के बारे में जानकारी लिखी जाती है। 

C Curriculum 
V Vitae

CV Full Form in Hindi :-

दोस्तों ऊपर दी गयी जानकारी को पढ़कर अबतक आपको यह पता चल ही गया होगा कि CV का फुल फॉर्म “Curriculum Vitae” होता हैं तथा Curriculum Vitae को हिंदी भाषा में ‘शैक्षिक अभिलेख एवं कार्य अनुभव’ के नाम से  जाना जाता हैं।

सीवी (CV) शैक्षिक अभिलेख एवं कार्य अनुभव

सीवी का मतलब? (Meaning of CV in Hindi) :-

दोस्तों ऊपर दी गई जानकारी को पढ़कर अब तक आपको पता चल गया होगा कि CV का फुल फॉर्म Curriculum Vitae होता हैं तथा हिंदी भाषा में इसका मतलब ‘शैक्षिक अभिलेख एवं कार्य अनुभव‘ होता है। 

CV एक ऐसा जरिया होता है जिसके द्वारा रिक्रूटर को आपको तथा आपकी शैक्षिक योग्यता एवं आपके कार्य अनुभव के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलती है।

दोस्तों आप जब भी अपनी CV बनाए तो उसे हमेशा जॉब के अनुसार ही बनायें, CV में हमेशा पॉइंट टू पॉइंट जानकारी को दर्शाए। 

CV में पॉइंट टू पॉइंट जानकारी देने से रिक्रूटर को सीवी समझने में आसानी होती है, पॉइंट टू पॉइंट जानकारी देना इसलिए आवश्यक होता है क्योंकि कंपनी के पास आपकी पूरी डिटेल को देखने का समय नहीं होता है और ना ही उन्हें आपकी पूरी डिटेल जानने में कोई दिलचस्पी होती है। 

सीवी क्या होता है? (What is CV in Hindi) :-

CV एक प्रकार का प्रमाण पत्र पता है जिसमें व्यक्ति अपने से संबंधित जानकारियों को लिखता हैं अर्थात CV से किसी व्यक्ति के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। 

दोस्तों जब हम किसी प्राइवेट कंपनी में किसी जॉब के लिए अप्लाई करते हो तो कंपनी वाले एक CV मांगते हैं, CV एक ऐसा जरिया होता है जिससे हम कंपनी को अपने बारे में जानकारी देते हैं। 

CV के अंदर हम अपनी पर्सनल डीटेल्स, अपनी शैक्षिक योग्यता, किसी क्षेत्र का कार्य अनुभव तथा इसके अलावा इससे हम कई अन्य प्रकार की जानकारियों को सामने वाले को देते हैं। 

CV क्यों बनाते है? (CV बनाने की जरूरत क्यों होती है) :-

दोस्तों बहुत से लोगों के मन में यह प्रश्न होता है कि CV क्यों बनाया जाता है, CV बनाने की वजह क्या है तथा इसकी जरूरत कहां पर पड़ती है? CV को जॉब के लिये बनाया जाता हैं परंतु अब बात आती है कि CV की जरूरत क्यों होती हैं? 

दोस्तों जब किसी प्राइवेट कंपनी में किसी विशेष पद के लिए जॉब निकलती है तो उस पद के लिए बहुत से लोगों के द्वारा रिप्लाई किया जाता है। 

दोस्तों उस पद पर केवल उन्हीं लोगों को भर्ती किया जाता है जिन्हें उस पद से संबंधित कार्यों में विशेषज्ञता हासिल होती हैं।

जितने भी लोग उस पद के लिए अप्लाई करते हैं उनकी शैक्षिक योग्यता तथा अन्य प्रकार की जानकारियों को प्राप्त करने के CV की आवश्यकता पड़ती है। 

CV के अंदर कौन-कौन सी जानकारियों को देनी चाहिए :-

CV के अंदर किन-किन जानकारियों को देनी चाहिए, आप नीचे दी गई जानकारी को पढ़ सकते हैं।

  • CV के अंदर व्यक्ति का नाम, ईमेल, फोन नंबर, अपना पता आदि जानकारियां देनी चाहिए। 
  • CV अंदर व्यक्ति को अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए। 
  • CV के अंदर व्यक्ति को अपने कार्य क्षेत्र के अनुभव के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए। 
  • इसके अलावा व्यक्ति CV के अंदर अपनी Hobbies, Soft Skills, Achievements, Language के Knowledge तथा अपने मैरिटल स्टेटस के बारे में जानकारी दे सकते हैं। 

आप CV के अंदर ऊपर दी गई जानकारी को दे सकते हैं, CV अधिकतम 2 या 3 पेज का ही होना चाहिए। 

CV के अंदर कौन-कौन सी बातें नहीं लिखनी चाहिए :-

दोस्तों CV के अन्दर आप नीचे दी गयी जानकारी को कभी भी ना लिखें। 

  • CV के अंदर फैमिली बैकग्राउंड, फैमिली मेंबर्स की डिटेल्स आदि जैसी डिटेल्स को नहीं लिखना चाहिए। 
  • CV में अपनी सैलरी (जहां आप पहले जॉब करते थे) की जानकारी नहीं देनी चाहिए। 
  • CV में अपनी पिछली जॉब को छोड़ने का कारण नहीं लिखना चाहिए। 
  • CV में अपना प्रोफेशनल कंटेंट डिटेल्स नहीं लिखना चाहिए।

दोस्तों CV को तैयार करना बहुत ही आसान होता है लेकिन सीवी को बनाते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान भी रखना होता है जिससे सामने वाले को आपकी CV को समझने में आसानी होगी, आइए देखते हैं कि CV Format कैसे बनता हैं। 

1. Personal Profile :-

इस हैडिंग के अंदर आपको अपनी पर्सनल डिटेल्स को लिखना होता है, इस हैडिंग के अंदर नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि, भाषा, लिंग, पता, वैवाहिक स्थिति, राष्ट्रीयता, धर्म इत्यादि जैसे जानकारियों को लिखते हैं। 

2. शैक्षिक योग्यता :-

इस हैडिंग के अंदर आपको अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में पूरी जानकारी देनी होती है, इस हैडिंग के अंदर आपको हाईस्कूल से लेकर जहां तक आपने पढ़ाई की हो (हायर शैक्षिक योग्यता) के बारे में सभी प्रकार की जानकारियों को देनी होती है जैसे आपने कब किस सन में तथा किस बोर्ड से इस योग्यता को हासिल की है। 

 3. कार्य अनुभव :-

इस हैडिंग के अंदर आपको अपने कार्य अनुभव के बारे में जानकारी देनी होती है, इस हैडिंग के अंदर आपको यह लिखना होता है कि आप किस कंपनी में तथा कब से काम कर रहे हैं। 

4. अदर स्किल्स :-

यदि आपने अलग से कोई कोर्स किया है या आपको किसी अन्य चीज़ो की भी जानकारी है तो आपको उसे अदर स्किल्स हैडिंग के अंदर लिखना होता है। 

5. आदतें :-

इस हैडिंग के अंदर आपको अपनी आदतों के बारे में जानकारी देनी होती है जैसे यदि कोई ऐसी चीज है अर्थात जो आप दिन में सबसे अधिक करते हैं तो आपको उसकी जानकारी इस हैडिंग के अंदर देनी होती है जैसे यदि आप दिन में किताबे बहुत अधिक पढ़ते हैं तो आपको इसे इस हैडिंग के अंदर लिखना होता है। 

6. कैरियर ऑब्जेक्टिव :-

इस हैडिंग के अंदर आपको अपने उद्देश्य के बारे में लिखना होता है, उद्देश्य के बारे में हमेशा ही पॉजिटिव लिखा जाता है। इस हैडिंग में आप जॉब के हिसाब से कुछ पॉजिटिव सोच कर लिख दें। 

CV तथा Resume में अंतर? (Difference Between CV and Resume) :-

CV तथा Resume में बहुत ही अंतर होते हैं, इन दोनों में जो अंतर होते हैं वो इस प्रकार से हैं-

  • CV में शैक्षिक योग्यता, लाइफ में किसी तरह की कोई उपयोगी रिसर्च एक्सपीरियंस तथा अवार्ड के बारे में लिखना होता है तथा Resume में आप जिस जॉब के लिए अप्लाई कर रहे हो उसी जॉब के आधार पर लिखना होता है। 
  • CV Static होता है, आप इसमें जॉब के अनुसार बदलाव नहीं कर सकते हैं तथा Resume में आप जॉब की रिक्वायरमेंट के आधार पर बदलाव कर सकते हैं। 
  • CV, 2 या 3 पेज से बड़ा नहीं होना चाहिए तथा Resume, 1 या 2 पेज का ही होना चाहिए। 
  • CV का इस्तेमाल किसी Academic पोजीशन रिप्लाई करने के लिए किया जाता है जैसे टीचर इंटर्नशिप, Fellowship इत्यादि तथा Resume का इस्तेमाल किसी भी प्राइवेट, सरकारी और बिजनेस इंडस्ट्रीज में जॉब अप्लाई करने के लिये लिये किया जाता हैं। 

CV के फायदें? (Advantages of CV) :-

दोस्तों CV के बहुत से फायदे होते हैं जो निम्न प्रकार से हैं-

  • CV की मदद से हम सामने वाले को अपने बारे में Short में ही सब कुछ बता देते हैं। 
  • CV को देखकर सामने वाले व्यक्ति को हमारे बारे में बहुत सी प्रकार की जानकारियां प्राप्त हो जाती है। 
  • CV को देखकर सामने वाले व्यक्ति को हमारी शैक्षिक योग्यता के बारे में जानकारी प्राप्त हो जाती है। 
  • यदि हम कहीं पर इंटरव्यू के लिए गए हैं तो सामने वाला व्यक्ति हमारी CV को देखता है और उसी के हिसाब से हम से प्रश्न भी करता है। 
  • CV की मदद से हम सामने वाले को अपने कार्य के अनुभव के बारे में भी जानकारी दे सकते हैं। 

इन सबके अलावा CV के और भी बहुत से फायदे होते हैं। 

FAQ :-

सीवी कैसे बनाया जाता है?

सीवी बनाने के लिए सबसे पहले आपको अपने कंप्यूटर में एमएस वर्ड ओपन करना है  फिर उसमे एक खाली पेज को ओपन करना है उसके बाद आपको उस पेज अपनी सारी जानकारियों को इन्सर्ट करके एक अच्छी सी सीवी बनानी चाहिए।

रिज्यूम की हिंदी क्या है?

रिज्यूम का हिंदी अर्थ ‘फिर शुरू करना’ होता हैं, यह इसका हिंदी ट्रांसलेट होता हैं।

सीवी और रिज्यूम में क्या अंतर है?

सीवी और रिज्यूम में बहुत ही अंतर होते हैं, इन दोनों में जो अंतर होते हैं वो इस प्रकार से हैं-

  • CV में शैक्षिक योग्यता, लाइफ में किसी तरह की कोई उपयोगी रिसर्च एक्सपीरियंस तथा अवार्ड के बारे में लिखना होता है तथा Resume में आप जिस जॉब के लिए अप्लाई कर रहे हो उसी जॉब के आधार पर लिखना होता है। 
  • CV Static होता है, आप इसमें जॉब के अनुसार बदलाव नहीं कर सकते हैं तथा Resume में आप जॉब की रिक्वायरमेंट के आधार पर बदलाव कर सकते हैं। 
  • CV, 2 या 3 पेज से बड़ा नहीं होना चाहिए तथा Resume, 1 या 2 पेज का ही होना चाहिए। 

इसके बारे में ऊपर मैंने डिटेल्स में जानकारी दे रखी हैं। 

आज आपने क्या सीखा :- 

आज इस आर्टिकल में हमने CV से संबंधित बहुत ही प्रकार की जानकारियों को प्राप्त किया, इस आर्टिकल में हमने CV Full Form, CV Full Form in Hindi, CV क्या हैं, CV का मतलब, CV की जरुरत, CV फॉर्मेट, CV के फायदे इसके अलावा CV से संबंधित और भी बहुत सी प्रकार की जानकारियों को प्राप्त किया। 

दोस्तों अगर आपने हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ा होगा तो अब तक आपको CV से संबंधित बहुत सी प्रकार की जानकारियां प्राप्त हुई होंगी। 

आशा करता हूं दोस्तों हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर आपको उस प्रश्न का उत्तर भी मिल गया होगा जिस प्रश्न के उत्तर के लिए आप हमारे इस ब्लॉग पर आए थे। 

दोस्तों आपको हमारा यह CV से संबंधित आर्टिकल कैसा लगा हमें नीचे कमेंट करके अवश्य बताएं, यदि हमारे इस आर्टिकल से संबंधित आपके मन में कोई प्रश्न है तो कृपया हमें कमेंट के द्वारा जरूर बताएं। 

यदि आप हमें हमारे इस CV से संबंधित आर्टिकल पर कोई सुझाव देना चाहते हैं तो हमें कमेंट के माध्यम से हमें जरूर बताएं, मुझे आपके फ़ीडबैक का बेसब्री से इंतजार रहेगा। 

अगर आपको हमारा यह CV से संबंधित आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे दोस्तों के साथ तथा सोशल नेटवर्किंग साइट पर शेयर करना ना भूलें। 

इस ब्लॉग पर हम इसी तरह की जानकारियों को देते हैं तथा यहाँ हम रोज एक नये आर्टिकल को पब्लिश करते हैं, इसी तरह की और अधिक जानकारियों को पाने के लिए आप हमारे इस ब्लॉग www.Hindima.in पर रोजाना विजिट करते रहे (धन्यवाद)

David William

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One Comment

  1. Mujhe aapka post bahut pasand aya umid hai aap aise hi ham sab ko aage tak sikha te rehoge.

    Thank You

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