CPR Ka Full Form क्या होता है? | CPR Full Form in Hindi
CPR Ka Full Form, CPR Full Form in Hindi, Full Form of CPR in Hindi, What is CPR in Hindi, CPR Kya Hota Hai, CPR कैसे करते है, CPR कब देना चाहिए, CPR के लाभ इत्यादि जैसे प्रश्नों के उत्तर आपको इस आर्टिकल में मिल जायेंगें।
क्या आप सीपीआर का फुल फॉर्म या सीपीआर से सम्बंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस ब्लॉग पर आये है, यदि आप सीपीआर से सम्बंधित जानकारी जानकारी के लिए यहाँ आये है तो आप सही जगह आ गए है आप बस हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
इस आर्टिकल में हम सीपीआर के बारे में ही जानकारी जाने वाला हूँ, मैं वादा करता हूँ हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर आपने मन में सीपीआर से सम्बंधित जितने भी प्रश्न होंगे आपको उन सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जायेंगें, आईये शुरू करते है और इसके बारे में जानकारी प्राप्त करते है-
CPR Ka Full Form :-
CPR का फुल फॉर्म “Cardio-Pulmonary Resuscitation” होता हैं, इसमें दिए गए तीनों वर्ल्ड के फुल फॉर्म का अलग-अलग अर्थ निकल कर आता है।
C | Cardio |
P | Pulmonary |
R | Resuscitation |
Cardio का मतलब “दिल” होता हैं, pulmonary का अर्थ ” फेफड़ों से संबंधित ” तथा resuscitation का अर्थ to revive ( पुनर्जीवित करने) होता हैं।
CPR Full Form in Hindi :-
दोस्तों ऊपर दी गयी जानकारी को पढ़कर अबतक आपको यह पता चल ही गया होगा CPR कि का फुल फॉर्म “Cardio-Pulmonary Resuscitation” होता हैं, Cardio-Pulmonary Resuscitation का हिंदी में मतलब ‘हृत्फुफ्फुसीय पुनर्जीवन’ होता है।
सीपीआर (CPR) | हृत्फुफ्फुसीय पुनर्जीवन |
सीपीआर क्या है? (What is CPR in Hindi) :-
CPR प्राथमिक चिकित्सा का एक मेथड होता है, जब किसी व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है या किसी व्यक्ति को हार्टअटैक आ जाता है या कोई व्यक्ति किसी दुर्घटना से बेहोश हो जाता है तो आप समय पर उस वक्त को सीपीआर देकर उसकी जान बचा सकते हो।
जब भी किसी व्यक्ति को बिजली का झटका लगता है या कोई व्यक्ति पानी में डूब रहा हो या किसी व्यक्ति को सांस लेने में बहुत ज्यादा दिक्कत हो रही है तो आप सबसे पहले उस व्यक्ति को CPR देकर उसके बाद किसी नजदीकी अस्पताल में admit कराएं सही समय पर उसे CPR देकर आप उसकी जान बचा सकते हैं।
CPR में क्या किया जाता है (CPR Ka Full Form) :-
CPR में दो तरह के कार्य किये जाते हैं।
- मुँह द्वारा साँस देना
- छाती को दबाना
CPR क्रिया में स्वसन क्रिया और रक्त संचार की क्रिया को बनाए रखने के लिए इसका उपयोग किया जाता है, मरीज को थोड़ी देर के लिए सांस ना मिले या थोड़ी देर के लिए उसके रक्त के संचार की क्रिया बंद हो जाए तो उस मरीज की मृत्यु हो जाती है।
CPR कैसे करते है :-
- सबसे पहले मरीज को किसी ठोस और समतल जगह पर लिटा दें इसके बाद खुद भी उसके पास बैठ जाएं ध्यान रखें कि मरीज का सर ऊपर की तरफ होना चाहिए।
- मरीज के मुंह में अंगुली डालकर चेक करें कि उसके गले में कुछ अटक तो नहीं गया है और यदि कुछ अटक गया हो तो उसको निकाल दे।
- यदि मरीज की धड़कने बंद हो गई हो तो अपने एक हाथ को दूसरे हाथ के ऊपर रखकर उस मरीज के छाती पर धीरे-धीरे पंपिंग करते हुए उसको दबाए।
- छाती को 1-2 इंच तक हीं दबाये और 1 मिनट में कम से कम 100 बार दबाएं।
- कृत्रिम साँस देते समय यदि 30 बार छाती दबाये तो 2 बार कृत्रिम साँस दे।
यह सारी प्रक्रिया करने से मरीज की धड़कन चलने लग जाएगी और यदि इतना करने के बाद भी मरीज की धड़कने नहीं चलती तो मरीज को कृत्रिम साँस देनी चाहिए।
कृत्रिम साँस कैसे देते है :-
मरीज को किसी समतल जगह पर लेटा देते हैं तथा उसका सर ऊपर की तरफ कर देते हैं इसके बाद उसके नाक को अपनी दो उंगलियों से दबा लेते हैं फिर अपने मुंह से मरीज के मुंह में सांस देते हैं, मुंह से दी गई सांस सीधा फेफड़ों तक पहुंचती है। लम्बी साँस लेकर मरीज के मुंह से मुंह को चिपकाए और धीरे-धीरे सांस को छोड़ें। ऐसा करने से मरीज के फेफड़ों में हवा भर जाती है। मुंह से सांस देते समय यह ध्यान रखें कि मरीज की छाती ऊपर नीचे हो रही है कि नहीं हो रही हैं।जब मरीज की सांस चलने लग जाए तो यह प्रक्रिया बंद कर देनी चाहिए।
CPR कब देना चाहिए :-
निम्नलिखित स्थितियों में CPR देने की आवश्यकता पड़ सकती है-
1. Heart attek आने पर :-
जब किसी व्यक्ति को heart attek आता हैं तो उस व्यक्ति को बहुत दर्द होता हैं और कभी कभी वह व्यक्ति साँस भी नहीं लें पाता इस समय उस व्यक्ति की धड़कने भी बंद होने लगती हैं ऐसे समय में हमें उस व्यक्ति को CPR देना चाहिए।
2. साँस की समस्याएँ :-
जब किसी व्यक्ति को सांस लेने में ज्यादा दिक्कत होने लगती है या जब कोई व्यक्ति किसी कारणवश सांस लेने में असमर्थ हो जाता है तो इस स्थिति में हम उस व्यक्ति को CPR देते हैं।
3. पानी में डूबते व्यक्ति :-
किसी पानी में डूबते हुए व्यक्ति की स्वसन नलिका में पानी भर जाने से उस व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है या वह व्यक्ति सांस ही नहीं ले पाता और कभी कभी तो ऐसा होता है कि उस व्यक्ति की धड़कने भी रुक जाती है इस स्थिति में हमें उस व्यक्ति को भी CPR देना चाहिए।
4. करंट लगने पर :-
सबसे पहले उस व्यक्ति को बिना छुए लकड़ी की सहायता से उसको बिजली से अलग करना चाहिए फिर उस व्यक्ति को कहीं समतल जगह पर लिटा कर उस व्यक्ति को भी CPR देना चाहिए।
5. बेहोश होने पर :-
यदि कोई व्यक्ति किसी कारणवश से अचानक बेहोश हो जाता है तो सबसे पहले हमें उसको होश में लाने की कोशिश करनी चाहिए और यदि वह व्यक्ति होश में नहीं आता तो उस व्यक्ति को भी CPR देना चाहिए।
CPR के लाभ? (Advantages of CPR) :-
अगर किसी मरीज को सही समय पर CPR दे दी जाए तो हम उस व्यक्ति की जान को बचा सकते हैं, CPR एक ऐसी प्राथमिक चिकित्सा होती हैं जो किसी मरीज को गंभीर हालत में दी जाती हैं।
कभी कभी ऐसा होता हैं की किसी व्यक्ति के अचानक में कोई दुर्घटना घटित हो जाती हैं उस दुर्घटना से उस व्यक्ति को बहुत ज्यादा हीं चोट लग जाती हैं और उसको जल्द से जल्द उपचार की आवश्कता होती हैं ऐसी स्थिति में डॉक्टर के पास तक उसे लें जाने में उसकी जान भी जान सकती हैं इस स्थिति में हम उस व्यक्ति को पहले CPR देकर तो डॉक्टर के पास लें जाते हैं इससे उस व्यक्ति की जान बचने के चांस बढ़ जाते हैं, cpr का यही मुख्य लाभ हैं।
CPR एक ऐसा treatment होता हैं जो हम किसी मरीज को इमरजेंसी टाइम में डॉक्टर के आने से पहले देते हैं, cpr में हम मरीज की छाती में पम्पिंग करते हुए उसको दबाते हैं जिससे उसकी धड़कन चलने लगती हैं तथा cpr में हीं हम किसी मरीज के नाक को अपनी ऊँगली से दबाकर उसके मुँह में अपने मुँह से साँस देकर उसके श्वासन क्रिया को जागृत करते हैं।
CPR का फुल फॉर्म क्या है?
CPR Ka Full Form “Cardio-Pulmonary Resuscitation” होता हैं।
सीपीआर कैसे देते हैं?
मरीज को किसी समतल जगह पर लेटा देते हैं तथा उसका सर ऊपर की तरफ कर देते हैं इसके बाद उसके नाक को अपनी दो उंगलियों से दबा लेते हैं फिर अपने मुंह से मरीज के मुंह में सांस देते हैं।
सीपीआर का पूरा नाम लिखिए सीपीआर प्रक्रिया क्या है कैसे देते है?
CPR का पूरा नाम ‘Cardio-Pulmonary Resuscitation‘होता हैं, सीपीआर प्रक्रिया में मरीज को किसी समतल जगह पर लेटा देते हैं तथा उसका सर ऊपर की तरफ कर देते हैं इसके बाद उसके नाक को अपनी दो उंगलियों से दबा लेते हैं फिर अपने मुंह से मरीज के मुंह में सांस दिया जाता है।
निष्कर्ष :-
इस आर्टिकल से यही निष्कर्ष निकलता हैं की CPR एक बहुत हीं जरुरी ट्रीटमेंट क्रिया होती हैं जो इमरजेंसी समय में हमारे द्वारा किसी मरीज को दी जाती हैं, CPR को सही समय पर देकर हम किसी व्यक्ति की जान को भी बचा सकते हैं।
आज आपने क्या सीखा :-
दोस्तों इस आर्टिकल में हमने सीपीएआर से सम्बंधित बहुत सी प्रकार की जानकारियों को प्राप्त किया, इस आर्टिकल में हमने CPR Ka Full Form, CPR Full Form in Hindi, CPR क्या है तथा इसके अलावा CPR से सम्बंधित और भी बहुत सी जानकारियां प्राप्त की।
उम्मीद करता हूँ दोस्तों हमारा ये आर्टिकल आपको जरूर पसंद आया होगा और आपको अबतक CPR Ka Full Form पता चल गया होगा तथा इसके बारे में और भी जानकारी प्राप्त हो गयी होगी।
दोस्तों आपको हमारा ये आर्टिकल कैसा लगा नीचे कमेंट करके जरूर बताना और यदि आपको किसी टॉपिक पर artical लिखवाना हो तो नीचे कमेंट करके जरूर बताये में आपके लिए वो आर्टिकल जरूर लिखूंगा। अगर हमारा ये आर्टिकलआपको पसंद आया हो ती इसे अपने दोस्तों के साथ बगी शेयर करें। (धन्यवाद)