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Full Form Of BIS in Hindi | BIS क्या होता है?

BIS Full Form in Hindi, BIS Ka Full Form, Full Form of BIS in English, Full Form of BIS in Hindi, What is BIS in Hindi, BIS Kya Hai, Meaning of BIS in Hindi इत्यादि जैसे प्रश्नों के उत्तर आपको इस आर्टिकल में मिल जाएंगे।

क्या आप BIS का फुल फॉर्म या BIS से संबंधित जानकारी के लिए हमारे इस ब्लॉग पर आए हैं, अगर आप BIS से संबंधित जानकारी के लिए यहां पर आए हैं तो आप सही जगह आ गए हैं, आज इस आर्टिकल में हम BIS से संबंधित जानकारियों को ही देने वाले हैं बस आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। 

मैं वादा करता हूं हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर आपके मन में डीएससी से संबंधित जितने भी प्रश्न होंगे आपको उन सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे। आईये शुरू करते हैं और डीएससी के बारे में डिटेल में जानकारी प्राप्त करते हैं-

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BIS Ka Fulll Form क्या होता है? (Full Form Of BIS) :-

BIS की फुल फॉर्म Bureau Of Indian Standards होती हैं, हिंदी में इसका मतलब भारतीय मानक ब्यूरो होता है। BIS एक भारतीय मानक ब्यूरो हॉल मार्क होता है जोकि हमारे इंडिया में बहुमूल्य धातुओं पर मोहर द्वारा लगाई जाती है।

B Bureau of
I Indian
S Standards

मूल्यवान धातुओं मे इसको इसलिए लगाया जाता हैं ताकि मिलावटी पदार्थो को कम किया जा सके और हमें शुद्ध मूल्यवान धातुएं प्राप्त हो सकें बहुत से प्रकार की बहुमूल्य वस्तुएं होती हैं जैसे- gold, silver, platinum, diamond, onix आदि पर इसकी हॉलमार्किंग की जाती हैं। आशा करता हूँ दोस्तों आपको इसके full form के बारे मे पता चल गया होगा अब आइये इसके बारे मे कुछ और अधिक जान लेते हैं।

BIS क्या होता है? (What is BIS in Hindi) :-

BIS सभी मूल्यवान धातुओं पर एक कोड की भांति लगाया जाता है ताकि कोई उसको खरीदने वाला व्यक्ति यह पता लगा सके कि यह धातु कितने प्रतिशत शुद्ध हैं और कितना प्रतिशत इसमें मिलावटी धातु का प्रयोग किया गया हैं,  किसी भी धातु पर हॉल मार्किंग की सुविधा बहुत ही पुरानी है अलग-अलग देशों में  सभी देशों का अपना अलग-अलग हॉल मार्क होता है जिससे उस धातु के ग्राहकों को पता चल जाए कि वह धातु कितना प्रतिशत शुद्ध है।

भारत में BIS की सुविधा  26 नवंबर सन 1986 को पारित किया गया था, तथा 1 अप्रैल 1987 को लागू किया गया था, BIS, ISI के  आधार पर कार्य करता है। हमारे  भारत में सोना को 22 कैरट मे मापा जाता हैं,  और इसके ऊपर एक तरह का अंक लगाया जाता है जिसे हम कोड कहते हैं.

जैसे मान लो कोई बहुमूल्य धातु है और इसके ऊपर कोई अंत लगाया गया हो जैसे 975, इसका मतलब यह हुआ कि वह मूल्यवान धातु 97.5% शुद्ध हैं और 2.5% उसमे मिलावटी धातु का प्रयोग किया गया, सभी धातुओं पर अलग-अलग प्रकार का हॉलमार्क कोड लगाया जाता है !

बहुमूल्य धातुओं पर हॉलमार्क चिन्ह लगाने की वजह :-

किसी भी बहुमूल्य धातुओं पर हॉल मार्क का चिन्ह इसलिए लगाया जाता है जिससे उसका  धातु  मे मिलावटी पदार्थों को कम किया जा सके और उसके ग्राहकों को शुद्ध धातु प्राप्त हो सके।

जैसा कि मैंने आपको ऊपर बताया कि इसमें हॉल मार्किंग करते समय किसी अंक में एक कोड लिखा जाता है जिससे हमको यह पता चल जाता है कि उस  धातु में कितना प्रतिशत शुद्ध धातु है और कितना प्रतिशत अशुद्ध, अर्थात कहने का मतलब उस मूल्यवान धातु को बनाते समय उसमें कितना प्रतिशत शुद्ध धातु का प्रयोग किया गया है और कितने  प्रतिशत मिलावटी धातु का प्रयोग किया गया है।

BIS हॉलमार्क के चिन्ह को कैसे लिखा जाता है :-

दोस्तों बहुमूल्य धातुएं कितनी प्रतिशत शुद्ध हैं और उसमे कितनी प्रतिशत मिलावटी धातु हैं उसी के बारे मे BIS हॉलमार्क का एक कोड लिखा जाता हैं जिससे उसके ग्राहक को ये पता चल जाए की वो धातु कितनी  प्रतिशत शुद्ध हैं।हमारे भारत मे सोने की शुद्धता को BIS हॉलमार्क कोड की सहायता से 22 कैरट मे मापा जाता हैं जैसे कि सोने पर हॉलमार्क कोड की सहायता से 936 अंक लगाया जाता हैं तो इसका मतलब यह हैं कि इसमें 93.6% शुद्ध सोना हैं और शेष मिलावटी हैं। इसी प्रकार से सभी बहुमूल्य धातुओं पर हॉलमार्क कोड का एक अंक लगाया जाता हैं जिससे उसकी शुद्धता का हमको पता चलता हैं।

दोस्तों यह हॉलमार्किंग की सुविधा बहुत हीं पुरानी हैं और अलग अलग देशों मे हॉलमार्क की चिन्ह को अलग अलग तरीके से लगाते हैं !

भारत मे BIS का मुख्य कार्यालय :-

भारत मे BIS का मुख्य कर्यालय new delhi मे हैं, इसके अलावा इसके 5 और छोटे छोटे ब्राँच को अलग अलग जगह पर स्थापित किया जा चूका हैं।

New delhi के अलावा इसके 5 और ब्रांच कहा पर हैं ये कुछ इस प्रकार से हैं-

  • मुंबई
  • कोलकाता
  • चेन्नई
  • दिल्ली
  • चंडीगढ़।

BIS के लाभ? (Advantages of BIS) :-

BIS से हमको बहुत से प्रकार के लाभ होते हैं जो इस प्रकार से हैं

  • BIS ग्राहकों के स्वास्थ्य सम्बन्धी खतरों को काफी हद तक कम कर देता हैं।
  • BIS उपभोक्ताओं के लिए विश्वसनीय, और गुणवत्ता वाले सामान को हीं निश्चित करता हैं।
  • BIS राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था मे बहुत हद तक हमारी मदद करता हैं।
  • BIS निर्यात और आयत के विकल्प को बढ़ावा देने मे हमारी मदद करता हैं।
  • BIS की मदद से हमें शुद्ध धातुएं प्राप्त होती हैं।

BIS Certificate :-

यदि आपको इसका certificate प्राप्त करना हैं तो आपको एक परीक्षा देनी होगी और उस परीक्षा मे आपको पास भी होना पड़ेगा।

यदि प्रारंभिक मूल्यांकन संतोशजनक हैं अथार्त प्राप्त अंक ठीक हो तथा निर्धारित योजनाओं की हीं तहत कार्य करता हो और जो BIS  की प्रमाण पत्र देने की शुल्क (fees) हैं उसे दे देता हैं तो उसको अगले 4 महीने की अंदर certificate उपलब्ध करा दिया जाता हैं और उससे पहले उसके उत्पाद का अपने स्तर पर निरिक्षण करते हैं।

FAQ :-

बीआईएस का फुल फॉर्म क्या है?

बीआईएस (BIS) का फुल फॉर्म “Bureau Of Indian Standards” होता है।

बीस का अर्थ क्या है?

BIS का फुल फॉर्म Bureau Of Indian Standards होती हैं, हिंदी में इसका मतलब ‘भारतीय मानक ब्यूरो’ होता है।

बी आई एस का मतलब क्या होता है?

हिंदी भाषा में बी आई एस का मतलब ‘भारतीय मानक ब्यूरो’ होता है।

भारतीय मानक ब्यूरो की स्थापना कब हुई थी?

भारतीय मानक ब्यूरो की स्थापना 23 दिसंबर 1986 को हुई थी।

Conclusion :-

आशा करता हूँ अबतक आपको Full form of BIS के बारे मे पता चल गया होगा और इसके बारे मे और भी details मे पता चल गया होगा कि bis क्या हैं और BIS Certificate कैसे बनवाते हैं ये भी पता चल गया होगा।

उम्मीद करता हूँ दोस्तों आपको हमारी ये पोस्ट Full Form of BIS आपको पसंद आयी होगी और आपको हमारी इस पोस्ट से जरूर कुछ नया सिखने को मिला होगा, दोस्तों इस artical को लेकर यदि आपके मन मे कोई प्रश्न हो तो नीचे कमेंट करके जरूर बताये और आप मुज़से कोई प्रश्न करना चहिते हैं तो वो भी बतायें .

दोस्तों अगर आपको किसी टॉपिक पर कोई पोस्ट लिखवानी हैं तो नीचे कमेंट करके बताये मे आपकी हेल्प के लिए वह artical जरूर लिखूंगा (धन्यवाद)

David William

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