fullform

GST Ki Full Form क्या होती है? | GST क्या है, GST के प्रकार?

GST Ki Full Form, GST Full Form in Hindi, जीएसटी क्या हैं, What is GST in Hindi, जीएसटी का मतलब, GST Ka Full Form, जीएसटी क्या होता है इत्यादि जैसे प्रश्नों के उत्तर आपको इस आर्टिकल में मिल जाएंगे। 

क्या आप जीएसटी से संबंधित किसी भी प्रकार के प्रश्न के उत्तर के लिए हमारे इस ब्लॉग पर आए हैं यदि आप जीएसटी से संबंधित किसी भी प्रकार के प्रश्न के उत्तर के लिए हमारे इस ब्लॉग पर आए हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आ गए हैं। 

आज इस आर्टिकल में हम जीएसटी से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियों को देने वाले हैं बस आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। मैं वादा करता हूं हमारा यह आर्टिकल पढ़कर आपके मन में जीएसटी से संबंधित जितने भी प्रश्न होंगे आपको उन सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे। चलिए शुरू करते हैं और जीएसटी के बारे में डिटेल में जानकारी प्राप्त करते हैं- 

gst-ki-full-form
 

GST Ki Full Form :-

GST की फुल “Goods and Services Tax” होता हैं, GST शब्द का फुल फॉर्म दो शब्दों से मिलकर बना हुआ हैं, जो Goods और Services Tax हैं। 

G Goods and
S Services
T Tax

1. Goods :-

Goods शब्द का मतलब माल या सामान होता हैं जो सभी प्रकार की संपत्तियों को संदर्भित करता है जिसमे अनाज, फसल, घास तथा ज़मीन इत्यादि जैसी चीज़े जुड़ी हुयी होती हैं। 

2. Services Tax:-

Services Tax का मतलब सेंट्रल टैक्स या स्टेट टैक्स अथवा किसी वस्तु की सेवाओं की आपूर्ति पर जो टैक्स लगाया जाता हैं उसे ही services tax कहते हैं। 

जैसा कि आपको पता ही होगा कि किसी भी देश कि सरकार को अपने कामकाज को सही ढंग से करने के लिए धन की आवश्यकता होती है तथा कर (tax) धन को इकट्ठा करने का एक बड़ा स्रोत होता है।

कर (tax) के द्वारा इकट्ठा किया गया पैसा सरकार अपने देश की जनता के लिए ही खर्च करती है, टैक्स के द्वारा जो पैसा इकट्ठा होता है सरकार उस पैसे को अपने देश की जनता की सेवा के लिए ही उपयोग करती है।

कर के प्रकार (Types of Tax in Hindi) :-

इन टैक्सों को मोटे तौर पर निम्नलिखित दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है वो दोनों निम्न प्रकार से हैं-
  1.  प्रत्यक्ष कर (Direct Tax)
  2.  अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax)

1  प्रत्यक्ष कर (Direct Tax) :-

जो कर किसी व्यक्ति की आय और उसकी संपत्ति पर लगाया जाता है उसे हम प्रत्यक्ष कर (Direct Tax) कहते हैं,  प्रत्यक्ष कर को जनता से सीधे-सीधे (हाथों-हाथ) वसूला जाता है। कुछ प्रमुख प्रत्यक्ष कर के उदाहरण निम्न प्रकार से हैं-

  • कृषि कर
  • उपहार कर
  • भू-राजस्व कर
  • संपत्ति कर
  • आय कर
  • निगम कर इत्यादि।

यह सारे प्रत्यक्ष कर के कुछ उदाहरण है इसके अलावा और भी बहुत से प्रत्यक्ष कर होते हैं जिनका प्रभाव आम जनता पर बहुत अधिक पड़ता है। 

2. अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) :-

अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) खपत, आयात-निर्यात तथा उत्पादन पर लगाया जाता है, अप्रत्यक्ष कर को सीधे-सीधे जनता से नहीं लिया जाता है परंतु इस टैक्स का प्रभाव जनता पर ही पड़ता है। कुछ प्रमुख अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) के उदाहरण इन निम्न प्रकार से-

  • Service Tax
  • Market Tax
  • Custom Tax
  • Excise Tax
  • Entertainment Tax etc. 

ये सारे अप्रत्यक्ष कर के कुछ उदाहरण है इसके अलावा और भी बहुत से अप्रत्यक्ष कर लगाए जाते हैं जिनका प्रभाव आम नागरिकों या जनता पर बहुत अधिक पड़ता है।

GST Ka Full Form :-

जैसा कि ऊपर मैंने आपको बताया GST का फुल फॉर्म “Goods and Services Tax” होता हैं। इसे हम हिंदी भाषा में “वस्तु एवं सेवा कर” भी कहते हैं।

G Goods and वस्तु और
S Services सेवा
T Tax कर

जीएसटी (GST) कब से लागू हुआ :-

जीएसटी को 1 जुलाई सन 2017 से पूरे देश भर में लागू किया गया। 

जीएसटी क्या है? (What is GST in Hindi) :-

जीएसटी का मतलब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स होता है, जीएसटी पूरे देश के लिए एक अप्रत्यक्ष कर है, 1 जुलाई सन 2017 से जीएसटी को पूरे विश्व भर में लागू कर दिया गया हैं।

जीएसटी को इसलिए लाया गया क्योंकि अभी भी बहुत सी चीजें ऐसी थी जिनकी 2 राज्यों में अलग-अलग कीमत होती थी, जीएसटी लागू होने से सभी राज्यों में लगभग सभी गुड्स एक ही कीमत पर मिलेंगे। 

यह एक संघीय कर (Federal Tax) है जो वस्तुओं (Goods) तथा सेवाओं (Services) की बिक्री पर लगाया जाता हैं।

जीएसटी को क्यों लाया गया :-

जीएसटी को केंद्र तथा राज्यों के 17 से ज्यादा अप्रत्यक्ष कर (Indirect tax) के बदले में लाया गया है अर्थात केंद्र तथा राज्यों में पहले 17 से ज्यादा प्रत्यक्ष कर तथा अप्रत्यक्ष कर (direct tax & indirect tax) के रूप में टैक्स लगाए जाते थे अब उन सब करों (taxs) को हटाकर अब केवल एक ही अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) लगाया जाता है जिसे हम GST कहते हैं। 

जीएसटी के आने से Central sales tax, Excise duty, Entry Tax, lottery tax, Telecom licence फीस etc. इसके अलावा बिजली के इस्तेमाल या सेल्स और गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाले टैक्स को खत्म किया गया हैं। 

जीएसटी के प्रकार? (Types of GST) :-

जीएसटी को निम्नलिखित 4 भागों में बांटा गया है जो निम्न प्रकार से है- 

  1. CGST
  2. IGST
  3. SGST
  4. UTGST
जीएसटी को निम्नलिखित 4 भागों में बांटा गया है जिन्हे CGST, IGST, CGST तथा SGST के नाम से जानते हैं, आइए अब इनके बारे में डिटेल्स में जानकारी प्राप्त करते हैं। 
 

1. CGST :-

CGST का फुल फॉर्म “Central Goods and Services Tax” होता हैं। यह एक ऐसा टैक्स है जिसे केंद्र सरकार द्वारा वसूला जाता है या लिया जाता है अर्थात इस टैक्स (TAX) में जो राशि एकत्रित होगी वह राशि केंद्र सरकार के नियंत्रण में रहती है। 

2. IGST :-

IGST का फुल फॉर्म “Integrated Goods and Service Tax” होता हैं। यह एक ऐसा टैक्स हैं जिससे एकत्रित होने वाली राशि का भुगतान केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार दोनों को किया जाता है। 

3. SGST :-

SGST का फुल फॉर्म “State Goods and Services Tax” होता हैं। यह एक ऐसा टैक्स होता है जिससे राज्य सरकार द्वारा वसूला जाता है या दियाजाता है , इस टैक्स से जो राशि एकत्रित होती है वह राशि राज्य सरकार के नियंत्रण में रहती है। 

4. UTGST :-

UTGST का फुल फॉर्म “Union Territory Goods and Services Tax” होता हैं, इसे हम हिंदी भाषा में ‘ केंद्र शासित प्रदेश के लिए सामान और सेवा कर’ भी कहते हैं। 

भारत में केंद्र शासित प्रदेशों को एक विशेष प्रकार जीएसटी के अंतर्गत रखा गया हैं, जिसे ‘केंद्र शासित प्रदेश के माल और सेवा कर’ कहा जाता हैं। 

जीएसटी के टैक्स स्लैब :-

जीएसटी परिषद ने सभी प्रकार के सामानों तथा सेवाओं को निम्नलिखित 4 टैक्स स्लैब में विभाजित किया हैं जो निम्न प्रकार हैं-

  1. 5% Tax
  2. 12% Tax
  3. 18% Tax
  4. 28% Tax etc. 

1. 5% टैक्स स्लैब :-

GST के 5% टैक्स स्लैब के अंदर कुछ सामान जैसे चीनी, चाय, भुनी हुई कॉफी बींस, खाने योग्य तेल, बच्चों के लिए मिल्क फूड, स्किम्ड मिल्क पाउडर, पैक्ड पनीर, सूती धागा, घरेलु एलपीजी, कोयला, कपडे इत्यादि जो की 1000 रूपये के अंदर के हो को रखा गया है, इसके अलावा और भी बहुत से सामान है जो 5% टैक्स स्लैब के अंतर्गत आते हैं। 

2. 12% टैक्स स्लैब :-

GST के 12% टैक्स स्लैब के अंदर कुछ सामान जैसे घी, मक्खन, मोबाइल, काजू, बादाम, सॉस, फलों का जूस, नारियल पानी, अगरबत्ती तथा कपडे जो 1000 रूपये से अधिक के हो आदि आते हैं, इसके अलावा और भी बहुत से सामान है जो 12 % टैक्स स्लैब के अंतर्गत आते हैं। 

3. 18% टैक्स स्लैब :-

GST के 18% टैक्स स्लैब के अंतर्गत कुछ सामान जैसे लैपटॉप, रेफ्रिजरेटर, AC, साबुन, टूथपेस्ट, आइसक्रीम सूप, कम्प्यूटर, टॉयलेट फेशियल टिश्यूज, फाउंटेन, पेन, मानवनिर्मित फाइबर, आयरन, स्टील, 500 रुपए से अधिक के फुटवियर भी शामिल होंगे, इसके अलावा और भी बहुत से सामान है जिसे 18% टैक्स स्लैब में रखा गया है। 

4. 28% टैक्स स्लैब :-

GST के 28% टैक्स स्लैब के अंतर्गत कुछ सामान जैसे उपभोक्ता की टिकाऊ वस्तुयें, कस्टर्ड पाउडर, सीमेंट, च्युइंग गम, परफ्यूम, शैंपू, मेकअप, पटाखे, मोटरसाइकिल, मेकअप का सामान इत्यादि जैसे सामानों को इस टैक्स स्लैब के अंदर रखा गया है, इसके अलावा और भी बहुत से सामान है जो 28% टैक्स स्लैब अंतर्गत आते हैं। 

टैक्स फ्री वस्तुयें :-

अनाज, मीट, मछली, अंडा, चिकन, दूध, छाछ, दही, प्राकृतिक शहद, फल, सब्जियां, आटा, बेसन, ब्रेड, प्रसाद, नमक, सिंदूर, बिंदी, स्टांप, पेपर, अखबार, किताब, काजल, बच्चों की ड्राइंग, कलर बुक इत्यादि तथा 1000 रूपये से कम कीमत वाले होटल और लॉज को जीएसटी फ्री रखा गया है। 

 जीएसटी से लाभ? (Advantages of GST) :-

जीएसटी से हमें बहुत से प्रकार के लाभ होते हैं जिनमें से कुछ निम्न प्रकार से हैं- 

  • जीएसटी ने  भारत में कर व्यवस्था को सरल एवं आसान बनाया गया है। 
  • कर के ऊपर कर लगाने की व्यवस्था का अंत हुआ है। 
  • जीएसटी के आने से आयकर विभाग के कर्मचारियों के द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिली हैं।
  • जीएसटी के आने से सेवा कर, केंद्रीय बिक्री कर, राज्य बिक्री कर इत्यादि को खत्म किया गया हैं। 
  • जीएसटी के आने से पहले हमें अलग-अलग सामान पर 30% से 35% तक का टैक्स देना पड़ता था तथा जीएसटी के आने से हमें यह केवल 18% तक ही देना पड़ता हैं। 
  • जीएसटी से सबसे अधिक लाभ सामान्य तथा निम्न वर्ग के व्यक्तियों को हुआ हैं, इसके अंतर्गत सभी सामानो को खरीदने पर सामान प्रकार का कर (tax) लगाया जाता हैं जिससे स्थान परिवर्तन होने पर भी टैक्स में परिवर्तन नहीं होता हैं।

इन सबके अलावा और भी बहुत से लाभ है जो जीएसटी लागू होने से हमें प्राप्त हुए हैं।

जीएसटी से नुकसान? (Disadvantages of GST) :-

जीएसटी से हमें फायदे तो बहुत होते हैं परंतु कुछ नुकसान भी होते हैं, जीएसटी से होने वाले नुकसान निम्न प्रकार से हैं- 

  • जीएसटी लागू होने से पहले शुल्क आधारित लेनदेन पर केवल 14.5% का कर लगाया जाता था परंतु जीएसटी के आने के बाद से यह कर (tax) 18% हो गया हैं। 
  • जीएसटी के लागू होने से हवाई सफर का खर्च, होटल का खाना, बीमा प्रीमियम महंगा हो गया हैं। 
  • जीएसटी के लागू होने से रेलवे टिकट में सेवा कर भी बढ़ चुका है। 
  • जीएसटी के लागू होने से प्रत्यक्ष कर लगभग खत्म हो गया है परंतु अप्रत्यक्ष कर में बढ़ोतरी हुई है। 
  • जिसकी के आने से इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे टीवी, फ्रीज तथा मोबाइल इत्यादि जैसे सामान महंगे हो गए हैं। 
  • गहनों पर पहले 3% टैक्स तथा रेडीमेड कपड़ो पर 4% से 5% टैक्स लगते थे परंतु जीएसटी के आने से यह कर बढ़कर 18% हो गये हैं। 

इन सबके अलावा जीएसटी से हमें और भी बहुत से प्रकार के नुकसान होते हैं। 

FAQ :-

जीएसटी का फुल फॉर्म क्या है?

GST की फुल “Goods and Services Tax” होता हैं।  

जीएसटी कब लागू हुआ?

जीएसटी को 1 जुलाई सन 2017 से पूरे देश भर में लागू किया गया।

GST कितने प्रकार की है?

जीएसटी को निम्नलिखित 4 भागों में बांटा गया है जो निम्न प्रकार से है-

  1. CGST
  2. IGST
  3. SGST
  4. UTGST

क्या जीएसटी के लाभ है?

जीएसटी से हमें बहुत से प्रकार के लाभ होते हैं जिनमें से कुछ निम्न प्रकार से हैं-

  • जीएसटी ने  भारत में कर व्यवस्था को सरल एवं आसान बनाया गया है।
  • कर के ऊपर कर लगाने की व्यवस्था का अंत हुआ है।

 इसके बारे में ऊपर डिटेल्स में जानकारी दी है.

इसे भी पढ़ें :-

आज आपने क्या सीखा :-

आज इस आर्टिकल में हमने GST से सम्बंधित लगभग सभी प्रकार की जानकारियों को प्राप्त किया, इस आर्टिकल में हमने gst ki full form, जीएसटी क्या है, जीएसटी के प्रकार, जीएसटी से लाभ तथा जीएसटी से हानि के बारे में जानकारी प्राप्त की।

दोस्तों अगर आपने हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ा होगा तो अब तक आपको gst से सम्बंधित बहुत सी जानकारी प्राप्त हुयी होंगी तथा मैं आशा करता हूँ दोस्तों हमारा ये आर्टिकल पढ़कर आपको उस प्रश्न का उत्तर भी मिल गया होगा जिसके लिए आप हमारे इस ब्लॉग पर आये थे।

दोस्तों हमारा ये आर्टिकल gst ki full form आपको कैसा लगा हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताये तथा यदि हमारे इस आर्टिकल से सम्बंधित आपके मन में कोई प्रश्न है तो वह भी हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताये।

दोस्तों यदि आप हमारे इस आर्टिकल gst से सम्बंधित हमें कोई सुझाव देना चाहते है या आप हमसे बात करना चाहते है तो वह भी हमें नीचे कमेंट करके बताएं, मुझे आपके फीडबैक का इन्तजार रहेगा। अगर हमारा यह आर्टिकल gst ki full form आपको पसंद आया हो इसे अपने दोस्तों के साथ तथा सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी शेयर करें (धन्यवाद)

David William

Hello friends, my name is David William and I am the founder of Hindima.in blog, I like writing articles very much. My main objective is to provide new information to you with the help of this blog.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button