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MRP Full Form in Hindi | MRP Ka Full Form क्या होता है?

MRP Full Form, MRP Full Form in Hindi, MRP Ka Full Form, What is the Full Form of MRP, एमआरपी का पूरा नाम, एमआरपी क्या हैं, एमआरपी का मतलब तथा अर्थ, इस तरह के प्रश्नों के उत्तर आपको इस आर्टिकल के अंदर मिल जाएंगे।

क्या आप MRP Ka Full Form या फिर एमआरपी से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए हमारे इस ब्लॉग पर आए हैं, यदि आप एमआरपी से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस ब्लॉग पर आए हैं तो आप सही जगह आ गए है।

आज इस आर्टिकल में हम एमआरपी से संबंधित बहुत सी प्रकार की जानकारियों को देने वाले हैं बस आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। मैं वादा करता हूं हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर आपके मन में एमआरपी से संबंधित जितने भी प्रश्न होंगे आपको उन सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे।

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MRP Full Form :-

दोस्तों जब भी आप किसी दुकान से किसी सामान को खरीदते हैं तो आपने देखा होगा कि उस सामान के ऊपर उस सामान का MRP लिखा होता हैं।

MRP के आगे एक कीमत लिखी होती है, MRP के आगे जितनी भी कीमत लिखी होती है दुकानदार उस सामान को उतनी ही कीमत में हमें देता है।

किसी-किसी सामान के MRP के आगे लिखी गयी कीमत से कम दाम में ही दुकानदार हमें उस सामान को दे देता हैं। इस आर्टिकल में हम इसी MRP से संबंधित जानकारियों को देने वाले हैं, आइये शुरू करते हैं और इसके बारे में डिटेल्स में जानकारी प्राप्त करते हैं।

MRP Ka Full Form :-

MRP का फुल फॉर्म “Maximum Retail Price” होता हैं, इसे हम अपनी भाषा में ‘मैक्सिमम रिटेल प्राइस’ के नाम से जानते हैं।

M Maximum
R Retail
P Price

MRP Full Form in Hindi :-

ऊपर दी गई जानकारी को पढ़कर अब तक आपको यह पता चल ही गया होगा कि MRP का फुल फॉर्म “Maximum Retail Price” होता हैं।

Maximum Retail Price को हम हिंदी भाषा में ‘अधिकतम खुदरा मूल्य‘ के नाम से जानते हैं, इसी को एमआरपी का हिंदी फुल फॉर्म भी कहते हैं।

एमआरपी अधिकतम खुदरा मूल्य

MRP क्या है? (What is MRP in Hindi) :-

किसी भी सामान (Product) के लिये उसकी निर्माता कंपनी के द्वारा जो अधिकतम मूल्य निर्धारित किया जाता है उसे ही उस सामान (Product) का MRP कहा जाता है अर्थात ‘MRP’ किसी Product का वह अधिकतम मूल्य होता है जिस मूल्य पर उस सामान को खरीदा जा सकता है।

कोई भी दुकानदार किसी वस्तु पर लिखी गयी MRP से अधिक दामों पर उस सामान को नहीं बेच सकता हैं लेकिन यदि दुकानदार चाहे तो किसी वस्तु पर लिखी गई MRP से कम दाम पर उस वस्तु को बेच सकता है।

किसी सामान (Product) पर लिखी गयी MRP से अधिक मूल्य पर उसे बेचना एक अपराध है। यदि कोई दुकानदार किसी सामान पर लिखी गई एमआरपी से अधिक दाम पर उस सामान को बेचता है तो आप उसके खिलाफ शिकायत कर सकते हैं।

यदि कोई दुकानदार किसी सामान पर लिखी गयी एमआरपी से अधिक दाम पर सामान को बेचते हुए पकड़ा जाता है तो उसे जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.

MRP कौन निर्धारित करता है :-

किसी भी Product के MRP का निर्धारण उस (Product के उत्पादक (निर्माता) के द्वारा किया जाता है। जब किसी नए प्रोडक्ट को तैयार किया जाता है तो उस प्रोडक्ट को बनाने वाली कंपनी के द्वारा ही उसके MRP का निर्धारण किया जाता हैं।

किसी प्रोडक्ट को तैयार करने वाली कंपनी के द्वारा प्रोडक्ट को तैयार करने में लगने वाली लागत, अपना फायदा, रिटेलर और दुकानदार का फायदा तथा Product की Tax इत्यादि को ध्यान में रखकर ही उस प्रोडक्ट का MRP निर्धारित किया जाता हैं।

दुकानदार तथा रिटेलर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए किसी प्रोडक्ट को MRP से कम मूल्य पर तो बेच सकते हैं परंतु प्रोडक्ट को MRP से अधिक मूल्य पर नहीं बेच सकते हैं।

किसी भी प्रोडक्ट को MRP से अधिक दामों पर बेचना illeagl हैं, यदि किसी रिटेलर या दुकानदार को किसी प्रोडक्ट को MRP से अधिक दामों पर बेचे जाते हुए पकड़ा जाता है तो उसको जुर्माना के साथ-साथ सजा भी दी जा सकती है।

MRP के लाभ? (Advantages of MRP) :-

भारतीय सरकार के नियमानुसार भारत में बनने वाले सभी खुदरा वस्तुओं पर उसका MRP अंकित करना अनिवार्य हैं। किसी भी सामान पर बिना MRP अंकित किये उसे मार्केट में नहीं बेचा जा सकता हैं।

MRP के बहुत सारे लाभ होते हैं, जो इस प्रकार से हैं-

  • किसी प्रोडक्ट पर MRP अंकित करने का सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि कोई दुकानदार किसी ग्राहक से उस प्रोडक्ट के अधिक पैसे नहीं ले सकता है।
  • MRP एक प्रकार से ग्राहकों की रक्षा भी करते हैं।
  • प्रोडक्ट के ऊपर एमआरपी अंकित होने से कोई दुकानदार किसी ग्राहक को ठग नहीं सकता है।
  • यदि कोई दुकानदार MRP से अधिक दाम पर किसी प्रोडक्ट को बेचता है तो ग्राहकों द्वारा ग्राहक उपभोक्ता केंद्र में इसकी शिकायत भी की जा सकती हैं , दोषी पाए जाने वाले दुकानदार को जुर्माना के साथ-साथ सजा भी दी जा सकती है और उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।

MRP के नुकसान? (Disadvantages of MRP) :-

MRP के जो नुकसान होते हैं वह इस प्रकार से है-

  • जब किसी दुकानदार को किसी प्रोडक्ट को अधिक दूरी से लाना पड़ता है तो कभी-कभी दुकानदार की लागत ज्यादा हो जाती है तथा दुकानदार उस प्रोडक्ट को MRP के आधार पर ही बेचता है, तो इस स्थिति में कभी-कभी दुकानदार को नुकसान भी हो जाता है।

MRP का उद्देश्य? (Objective of MRP) :-

MRP के निर्धारण का सबसे मुख्य उद्देश्य ग्राहकों के अधिकारों और हितों की रक्षा करना है। पहले जब किसी प्रोडक्ट पर एमआरपी अंकित नहीं होती थी तो दुकानदारों के द्वारा ग्राहकों से उस प्रोडक्ट के लिए मनचाहा प्राइस ले लिया जाता था।

पहले प्रोडक्ट पर उसका एमआरपी अंकित ना होने पर किसी किसी ग्रामीण क्षेत्रों तथा दुर्गम इलाकों में दुकानदारों के द्वारा ग्राहकों से उस प्रोडक्ट के दोगुने तक मूल्य ले लिए जाते थे।

इन्हीं सब विसंगतियों को दूर करने के लिए सरकार ने प्रत्येक प्रोडक्ट पर MRP का निर्धारण करने का फैसला किया। प्रोडक्ट के MRP के निर्धारण के बाद से अब कोई भी दुकानदार तथा रिटेलर किसी भी प्रोडक्ट के लिये ज्यादा मूल्य नहीं ले पाता हैं।

MRP के नए नियम? ( New Rule of MRP) :-

मार्च 2022 से, भारत सरकार के द्वारा एमआरपी से सम्बंधित एक नया नियम लागू किया गया है, जोकि इस प्रकार से है-

इस नियम के अनुसार, उत्पादों के बिक्री के दौरान रिटेलर या विक्रेता ग्राहक से MRP से अधिक मूल्य की मांग नहीं कर सकते हैं,यदि ऐसा करता हुआ कोई पकड़ा जाता है तो कानून की तरफ से उसपर उचित कार्यवाही की जायेगी।

MRP से सम्बंधित अन्य प्रकार की जानकारियां :-

MRP से संबंधित कुछ अन्य प्रकार की जानकारियां इस प्रकार से हैं-

  • सर्वप्रथम 2006 में भारतीय सरकार द्वारा यह नियम लगाया गया कि प्रत्येक प्रोडक्ट पर MRP अनिवार्य हैं।
  • किसी प्रोडक्ट को MRP से अधिक मूल्य पर बेचना illegal हैं।
  • यदि कोई दुकानदार किसी प्रोडक्ट को एमआरपी से अधिक मूल्य पर बेचता है तो आप ग्राहक उपभोक्ता केंद्र में इसकी शिकायत कर सकते हैं।
  • सन 2006 के पहले जब प्रोडक्ट पर एमआरपी नहीं होता था तो दुकानदार ग्राहक से प्रोडक्ट के अपनी मर्जी का मूल्य लेता था।
  • सन 2006 में आये Government Low के अनुसार कोई भी कंपनी अपने प्रोडक्ट का एमआरपी निर्धारण किए बिना उसे मार्केट में नहीं ला सकती है।

MRP के अन्य फुल फॉर्म्स :-

दोस्तों एमआरपी के और भी कई फुल फार्म होते हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार से है-

  • Marla Airport
  • Machine Readable Passport
  • Manufacturing Resources Planning etc.

इसे भी पढ़ें :-

आज आपने क्या सीखा :-

आज इस आर्टिकल में हमने MRP से संबंधित बहुत सी प्रकार की जानकारियों को प्राप्त किया, इस आर्टिकल में हमने MRP Full Form, MRP Full Form in Hindi, MRP Ka Full Form, एमआरपी क्या हैं, एमआरपी के लाभ, एमआरपी से हानि, एमआरपी के उद्देश्य तथा इसके अलावा एमआरपी से संबंधित और भी बहुत सी प्रकार की जानकारियों को प्राप्त किया।

दोस्तों अगर आपने हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ा होगा तो अब तक आपको एमआरपी से संबंधित बहुत सी प्रकार की जानकारियां प्राप्त हुई होंगी।

आशा करता हूं दोस्तों हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर आपको आपके उस प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा जिस प्रश्न के उत्तर के लिए आप हमारे इस ब्लॉग पर आकर हमारे इस MRP से संबंधित आर्टिकल को पढ़ रहे थे।

दोस्तों हमारा यह MRP से संबंधित आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें कमेंट के द्वारा जरूर बताएं और यदि हमारे इस एमआरपी से संबंधित आर्टिकल पर आपका कोई प्रश्न है तो कृपया कमेंट के द्वारा हमें वह भी जरूर बताएं।

यदि आप हमारे इस MRP Full Form से संबंधित आर्टिकल पर हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कृपया कमेंट के द्वारा हमें वह भी अवश्य बताएं, दोस्तों मुझे आपके फ़ीडबैक का बेसब्री से इंतजार रहेगा कृपया कमेंट करके अपना फीडबैक जरूर प्रदान करें।

इस ब्लॉग पर हम इसी तरह की जानकारियों को देते हैं तथा इस ब्लॉग पर हम रोजाना एक एक नए आर्टिकल को पब्लिश करते हैं, इसी तरह की और जानकारियों को पाने के लिए आप हमारे इस ब्लॉग www.Hindima.in पर रोजाना विजिट करते रहे (धन्यवाद)

David William

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