LLM Ka Full Form क्या होता है? | LLM Full Form in Hindi
LLM Ka Full Form, LLM Full Form in Hindi, एलएलएम क्या है, एल एल एम का मतलब क्या है, एलएलएम कोर्स कितने प्रकार का होता है, एलएलएम के बाद कौन सी जॉब प्राप्त होती है, एलएलएम करने के बाद किस क्षेत्र में जॉब प्राप्त होती है इत्यादि जैसे प्रश्नों के उत्तर आपको इस आर्टिकल में मिल जाएंगे।
क्या आप एलएलएम का फुल फॉर्म या फिर एलएलएम से संबंधित किसी भी प्रकार के प्रश्न के उत्तर के लिए हमारे इस ब्लॉग पर आए हैं यदि आप एलएलएम से संबंधित किसी भी प्रकार के प्रश्न के उत्तर के लिए इस ब्लॉग पर आए हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आ गए हैं।
आज इस आर्टिकल में हम एलएलएम से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियों को देने वाले हैं बस आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। मैं वादा करता हूं हमारा यह आर्टिकल पढ़कर आपके मन में एलएलएम से संबंधित जितने भी प्रश्न होंगे आपको उन सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे।
LLM Ka Full Form :-
LLM का फुल फॉर्म “Master of Law” होता हैं, Master of Law एक डिग्री होती हैं, एलएलएम की डिग्री उन्हें दी जाती है जिसने कानून के क्षेत्र में उन्नत शिक्षा तथा अनुसंधान पूरा कर लिया हो।
LLM | Master of Law |
LLM Full Form in Hindi :-
ऊपर दी गयी जानकारी को पढ़कर अबतक आपको यह पता चल ही गया होगा कि LLM Ka Full Form “Master of Law” होता हैं, Master of Law का हिंदी भाषा में मतलब ‘कानून में प्रवीण’ होता हैं।
एलएलएम (LLM) | कानून में प्रवीण |
एलएलएम क्या है? (What is LLM in Hindi) :-
एलएलएम एक Post Graduate कोर्स होता है, एलएलएम का कोर्स 2 साल का होता है इस कोर्स में सेमेस्टर या इससे अधिक सेमेस्टर होते हैं। मास्टर ऑफ लॉ की डिग्री एक ऐसी डिग्री होती है जो केवल उन्हें दी जाती है जिन्होंने कानून के क्षेत्र में उन्नत शिक्षा तथा अनुसंधान को पूरा कर लिया हो।
हमारे देश भारत में कानून की डिग्री Advocate Act 1961 के द्वारा प्रोवाइड की जाती हैं, जोकि लीगल एजुकेशन के संचालन के लीगल एजुकेशन तथा अधिनियम के पहलू पर हमारे संसद द्वारा पारित एक कानून माना जाता है।
इस एक्ट के अंदर Bar Council of India भारत में कानूनी पेशे को विनियमित करने के साथ देश के कानूनी पेशे द्वारा व्यवसाय के मानकों के कानूनों और रखरखाव के अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु सर्वोच्च नियामक संस्था कहां जाता है।
LLM का मतलब? (Meaning of LLM) :-
जैसा कि ऊपर मैंने आपको बताया कि मास्टर ऑफ लॉ एक पोस्टग्रेजुएट कोर्स होता है जिसको पूरा करने में 2 साल का समय लग जाता है।
मास्टर ऑफ लॉ की डिग्री प्राप्त करने का यह मतलब है कि आपने कानून के क्षेत्र में उन्नत शिक्षा तथा अनुसंधान को पूरा कर लिया है क्योंकि एलएलएम के डिग्री केवल उन्हें लोगों को दी जाती है जिसने कानून के क्षेत्र में एक अच्छी शिक्षा प्राप्त कर ली हो।
LLM कोर्स की समय-अवधि (LLM Course Duration Time) :-
एलएलएम कोर्स को करने के लिए विद्यार्थियों को 2 साल का समय देना पड़ता है क्योंकि यह (LLM) का कोर्स पूरे 2 साल का होता है, इस कोर्स में चार या इससे अधिक सेमेस्टर होते हैं।
एलएलएम कोर्स को पूरा करने की समय अवधि 2 साल या इससे अधिक (अलग-अलग) भी हो सकती है, Banaras Hindu University (BHU) के अनुसार LLM कोर्स को अधिकतम 4 वर्ष की अवधि में पूरा किया जाता है।
एलएलएम कोर्स के लिए टॉप 10 कॉलेज :-
यदि आप एलएलएम कोर्स को करना चाहते है तो बहुत से इंस्टिट्यूट/कॉलेज मिल जाएंगे लेकिन यदि आप एक अच्छे कॉलेज से एलएलएम कोर्स को करना चाहते है तो आप नीचे दिए गए कॉलेजों की लिस्ट में से किसी एक कॉलेज से इस कोर्स को कर सकते है। एलएलएम कोर्स के लिए टॉप 10 कॉलेजों के नाम इस प्रकार से है-
- Osmania University
- Natinal Law University
- Jindlal Global University
- Nulsar University of Law
- Maharishi Dayanand Universiuty
- Ram Manohar Lohia National Law University
- Rajiv Gandhi National University of Law
- Hidayatullah National Law University
- The West Bengal National University of Zuridical Sciences
- Faculty of Law, Banaras Hindu University, Varanasi etc.
LLM कोर्स करने के लिए शैक्षिक योग्यता :-
एलएलएम कोर्स को करने के लिए इसके उम्मीदवारों से कुछ शैक्षिक योग्यताएं मांगी जाती है, एलएलएम कोर्स को करने के लिए इसके उम्मीदवारों से जो योग्यताएं मांगी जाती है वह निम्न प्रकार से है-
- एलएलएम कोर्स को केवल वही लोग कर सकते हैं जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से 10+2+5 के तहत 5 वर्ष का LLB कोर्स/बीएल डिग्री / 5 वर्ष के एलएलबी (LLB) के तहत लॉ में सफलतापूर्वक स्नातक की डिग्री प्राप्त कर ली हो।
- LLM कोर्स को करने वाले उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम योग्यता यह है कि उम्मीदवार के पास कानून की बैचलर डिग्री होनी चाहिए।
- LLM कोर्स में केवल वही छात्र प्रवेश ले सकते हैं जो LLB कोर्स में उत्तीर्ण हो गए हो, एलएलएम कोर्स को करने वाले छात्रों को इस कोर्स के दौरान कानून से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियों को दी जाती है।
LLM कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया (Admission Process) :-
इस कोर्स को करने के लिए आपको प्रवेश परीक्षा देनी पड़ती हैं, इस कोर्स को करने के लिए इसके आवेदन फार्म हर साल मई के महीने में उपलब्ध कराए जाते हैं। इस परीक्षा के प्रश्न पत्र में कुल 150 प्रश्न होते हैं तथा यह सारे प्रश्न वस्तुनिष्ठ टाइप के प्रश्न होते हैं, परीक्षा की समय अवधि 2 घंटे की होती है। इस प्रवेश परीक्षा में 1/4 नकारात्मक अंक भी काटे जाते हैं।
एलएलएम प्रवेश परीक्षा के लिए इसके पाठ्यक्रम में निम्नलिखित प्रकार के विषयों को शामिल किया गया है-
- Jurisprudence
- Current Affairs
- Legal Aptitude
- Legal Awareness
- Constitutional Law etc.
LLM कोर्स का पाठ्यक्रम :-
इस कोर्स में छात्रों को पहले सेमेस्टर में कुछ सामान विषयों को ही पढ़ना होता है तथा दूसरे सेमेस्टर से छात्रों द्वारा चुने गए विशेषज्ञता के अनुसार विषयों को पढ़ना होता है। इंटरनल तथा एक्सटर्नल अंको का भार क्रमश: 60% तथा 40% होता हैं।
एलएलएम के छात्रों विशेषज्ञता के लिए कई प्रकार के क्षेत्र उपलब्ध हैं जिनमें से कुछ के नाम निम्न प्रकार से हैं-
- Family Law
- Criminal Law
- Human Rights
- Insurance Law
- Taxation Law
- Jurisprudence
- Enviornmental Law
- Constitutional Law
- Corporate Law and Governance
- International Trade and Bussiness Law
- Intellectual Property Law etc.
LLM कोर्स में पढ़ाये जाने वाले विषय :-
बात करें एलएलएम कोर्स में पढ़ाये जानें वाले विषयों की तो विभिन्न प्रकार के विश्वविद्यालयों में इसकी संरचना अलग-अलग प्रकार की हो सकती है परंतु इस कोर्स के हिस्से के रूप में कवर किये गये सभी विषय और विषय समान ही होते हैं।
LLM कोर्स में चार सेमेस्टर होते हैं चारों सेमेस्टर में पढ़ाए जाने वाले विषयों के नाम कुछ इस प्रकार से हैं-
First Semester
- Comparative Jurisprudence
- Comparative Constitutional Law
- Teaching Methods & Research Methodology
- Public International Law
Second Semester
- Specialization Area – Paper 1
- Specialization Area – Paper 2
- Specialization Area – Paper 3 (Optional)
Third Semester
- Specialization Area – Paper 4
- Specialization Area – Paper 5
- Specialization Area – Paper 6 (Optional)
Fourth Semester
- Specialization Area – Paper 7
- Dissertation
- Viva – Voce
- Teaching Assignment.
LLM कोर्स करने के फायदे? (Advantages of LLM Course) :-
एलएलएम कोर्स को करने के बहुत से फायदे होते हैं, इस कोर्स को करने वाले छात्र Law Firms, Corporate, Fineness, Consultancy, Media and Publishing Houses, Patent Attorney, Real Estate, Courthouses तथा Private Attorneys and Loires इत्यादि जैसे क्षेत्रों में बहुत ही आसानी से जॉब प्राप्त कर सकते हैं। इनमें एक अच्छी जॉब प्राप्त करने के साथ-साथ में एक अच्छी खासी कमाई भी कर सकते हैं।
इस कोर्स को करने के बाद आप निम्नलिखित क्षेत्रों में आसानी से जॉब प्राप्त कर सकते हैं-
- Insurance
- Field of Specialization
- Human Rights
- Financial Services
- Information Technology
- Commercial and Corporate
- Environmental Issues
- Bankruptcy
- Property Law and Many More etc.
एलएलएम की डिग्री रखने वाले लोगों को किस नाम से जाना जाता है :-
एलएलएम की डिग्री रखने वाले लोगों को बहुत से प्रकार के नामों से जाना जाता है जो निम्न प्रकार से हैं-
- Law Professor
- Law Professionals
- Doctoral Students
- Human Rights Activists
- Business Men and Women etc.
LLM कोर्स के बाद जॉब प्रोफाइल :-
एलएलएम कोर्स करने के बाद आपकी जॉब प्रोफाइल कुछ इस प्रकार से होंगी-
- Advocate
- Notary
- Law Reporter
- Magistrate
- Attorney General
- Solicitor
- Legal Expert
- Legal Advisor
- Trustee
- Public Prosecutor
- District and Session Judge
- Teachers and Lecturer etc.
LLM कोर्स के बाद रोजगार के क्षेत्र :-
एलएलएम कोर्स को करने के बाद आप निम्नलिखित क्षेत्रों में जॉब प्राप्त कर सकते हैं-
- Law Firms
- Courtrooms
- Litigation Firms
- Colleges and Universities
- Arbitration Consultancies
- Corporate Houses (Legal Department) etc.
एल एल एम की फुल फॉर्म क्या है?
एल एल एम की फुल फॉर्म ‘Master of Law‘ होती हैं, Master of Law का हिंदी भाषा में मतलब ‘कानून में प्रवीण’ होता हैं।
एल एल एम क्या है?
एलएलएम एक Post Graduate कोर्स होता है, मास्टर ऑफ लॉ की डिग्री एक ऐसी डिग्री होती है जो केवल उन्हें दी जाती है जिन्होंने कानून के क्षेत्र में उन्नत शिक्षा तथा अनुसंधान को पूरा कर लिया हो।
एल एल एम कितने साल का होता है?
एलएलएम कोर्स को करने के लिए विद्यार्थियों को 2 साल का समय देना पड़ता है क्योंकि यह (LLM) का कोर्स पूरे 2 साल का होता है, इस कोर्स में 4 या इससे अधिक सेमेस्टर होते हैं।
एल एल एम कौन सी डिग्री होती है?
एल एल एम की डिग्री एक ऐसी डिग्री होती है जो केवल उन्हें दी जाती है जिन्होंने कानून के क्षेत्र में उन्नत शिक्षा तथा अनुसंधान को पूरा कर लिया हो।
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आज आपने क्या सीखा :-
आज इस आर्टिकल में हमने एलएलएम से संबंधित बहुत सी जानकारियों को प्राप्त किया, इस आर्टिकल में हमने LLM Ka Full Form, एलएलएम क्या हैं, एलएलएम कोर्स की समय अवधि, एलएलएम कोर्स करने के फायदे, एलएलएम कोर्स के बाद जॉब प्रोफाइल, एलएलएम कोर्स के बाद रोजगार के क्षेत्र तथा इसके अलावा एलएलएम से संबंधित और भी बहुत ही प्रकार की जानकारियों को प्राप्त किया।
दोस्तों यदि आपने हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ा होगा तो अब तक आपको एलएलएम से संबंधित बहुत-सी प्रकार की जानकारियां प्राप्त हुयी होगी तथा मैं आशा करता हूं दोस्तों आपको उस प्रश्न का उत्तर भी मिल गया जिसके लिए आप हमारे इस ब्लॉग पर आये थे।
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